मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. Jammu and Kashmir government, firing, Kashmir violence

कश्‍मीर में गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिवारों को 5 लाख की घोषणा

कश्‍मीर में गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिवारों को 5 लाख की घोषणा - Jammu and Kashmir government, firing, Kashmir violence
जम्मू। जम्मू कश्मीर विधानसभा में अगर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पिछले साल मारे गए लोगों के परिजनों को सहायता के तौर पर पांच-पांच लाख रुपया प्रति परिवार देने का ऐलान किया तो विधानसभा में इन मौतों की जांच करवाने को लेकर विपक्ष ने भी खूब हंगामा किया।
कश्मीर घाटी में पिछले साल से चली आ रही अशांति के मद्देनजर सुरक्षाबलों द्वारा की गई गोलीबारी में जान गंवाने वाले लोगों को मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपए की राहत राशि दी जाएगी।
 
महबूबा ने विधानसभा में इसका ऐलान करते हुए कहा कि सुरक्षाबलों को अत्यधिक बल का प्रयोग करने का दोषी पाए जाने पर दंडित किया जाएगा। गौतलब है कि आठ जुलाई 2016 को हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को मार गिराए जाने के बाद से घाटी में हिंसा व्याप्त है। इस हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
 
मुख्यमंत्री ने सुरक्षाबलों की पैलेट गनों से दृष्टि गंवा चुके लोगों के लिए सरकारी नौकरियां देने का भी ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि घाटी में हिंसा के दौरान कॉलेज लेक्चरर और एटीएम सुरक्षाकर्मी की मौत की जांच की जाएगी और यदि इसमें सुरक्षाबलों की मौजूदगी का पता चला तो उन्हें दंडित किया जाएगा। गौरतलब है कि श्रीनगर में एटीएम सुरक्षाकर्मी की हत्या और पुलवामा जिले में लेक्चरर की मौत के लिए सुरक्षाबलों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
 
दूसरी ओर जम्मू कश्मीर विधानसभा में वर्ष 2016 के दौरान कश्मीर में हुई अशांति की घटनाओं में मारे गए नागरिकों के मामले में समयबद्ध न्यायिक जांच की मांग को लेकर विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान नेशनल कॉन्‍फ्रेंस और भाजपा के विधायक आपस में भिड़ गए। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घोषणा की थी सरकार सभी जिलों में हत्याओं की समबद्ध तरीके से जांच के लिए एक विशेष दल का गठन करेगी, लेकिन नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के विधायक मोहम्मद अकबर ने मामले में न्यायिक जांच की मांग की।
 
कांग्रेस के जीएम सरुरी और निर्दलीय विधायक हकीम यसीम ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि सरकार मामले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन करे। नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के विधायक मोहम्मद अकबर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग मामले की जांच करे। विपक्ष की न्यायिक जांच की मांग को लेकर सरकार की तरफ से कोई जवाब न देने पर विपक्षी दलों ने सदन में हंगामा किया।
 
नाराज विपक्ष ने सदन में कागज फेंके और सरकार के विरोध में नारेबाजी की। इससे भाजपा और नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के विधायकों के बीच गर्मागर्मी हो गई। वे आसन के समक्ष आ गए जिसके बाद मार्शल एवं वॉच एंड वार्ड स्टाफ के सदस्यों ने उन्हें घेर लिया। नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के विधायक उस वक्त भाजपा विधायक रवींद्र रैना की ओर भागे और उनका माइक खींच लिया, जब वे राज्यपाल के भाषण पर बोल रहे थे। इससे दोनों दलों के विधायकों के बीच धक्का-मुक्की हो गई। नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के विधायक अब्दुल मजीद भट लर्मी को सदन में हंगामा करने के लिए वॉच एंड वार्ड के स्टाफ ने सदन से बाहर निकला दिया।
ये भी पढ़ें
अनुसंधान से निकला गठिया का आसान इलाज