चोरी के आरोप से दुखी सेना के पूर्व कैप्टन ने तिहाड़ जेल में की आत्महत्या, परिवार ने लगाया लापरवाही का आरोप
नई दिल्ली। किताबें चुराने के आरोप में गिरफ्तार सेना के पूर्व कैप्टन ने तिहाड़ जेल की इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली। इस संबंध में उनके परिवार का दावा है कि यह लापरवाही का मामला है वहीं जेल अधिकारियों ने इन आरोपों से इंकार किया है।
1983 में सेवा से मुक्त हुए कैप्टन मुकेश चोपड़ा को दिल्ली कैंट पुस्तकालय से चीन से जुड़ी कुछ किताबें चुराने के आरोप में 2 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। जेल अधिकारियों ने बताया कि 7 नवंबर को चोपड़ा ने इमारत की पहली मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली, लेकिन कैप्टन के परिवार का दावा है कि वह सीढ़ियों से गिरे थे और उन्हें तुरंत चिकित्सकीय सहायता मुहैया नहीं कराई गई।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि कैप्टन पर गलत तरीके से चीन से जुड़े होने के आरोप लगाए गए और उनकी जांच की जा रही थी। कैप्टन चोपड़ा के खिलाफ एक नवंबर को दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, वह दिल्ली कैंट इलाके के परेड ग्राउंड स्थित ‘सेन्टर फॉर लैंड वेलफेयर स्टडीज (सीएलएडब्ल्यूएस)’ में घुसे और करीब 30-40 मिनट के बाद बाहर निकले।
बाद में लाइब्रेरियन को कुछ किताबें गायब मिलीं। सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता चला कि चोपड़ा ने उन किताबों को अखबार के भीतर छुपाकर चुराया है। घटना के अगले दिन पुलिस ने कैप्टन को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि जेल अधिकारियों ने कैप्टन के परिवार के आरोपों को खारिज किया है।