• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Draft of Uniform Civil Code prepared in Uttarakhand
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 30 जून 2023 (23:06 IST)

Uniform Civil Code : उत्तराखंड में UCC का मसौदा तैयार, जल्द ही सरकार को सौंपा जाएगा

Uniform Civil Code : उत्तराखंड में UCC का मसौदा तैयार, जल्द ही सरकार को सौंपा जाएगा - Draft of Uniform Civil Code prepared in Uttarakhand
Draft of Uniform Civil Code in Uttarakhand : न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई ने शुक्रवार को कहा कि उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (UCC) का मसौदा तैयार हो गया है और इसे जल्द ही राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा। उत्तराखंड सरकार ने पिछले साल मई में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था।
 
उत्तराखंड सरकार ने पिछले साल विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी। इस समिति की प्रमुख देसाई ने कहा कि समिति ने सभी प्रकार की राय और चुनिंदा देशों के वैधानिक ढांचे सहित विभिन्न विधानों एवं असंहिताबद्ध कानूनों को ध्यान में रखते हुए मसौदा तैयार किया है।
 
उन्होंने कहा कि इसके अलावा समिति ने उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित विभिन्न पारंपरिक प्रथाओं की बारीकियों को समझने की कोशिश की है। देसाई ने कहा, मुझे आपको यह जानकारी देते हुए काफी प्रसन्नता हो रही है कि उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार हो गया है।
 
उन्होंने कहा, प्रारूप संहिता के साथ समिति की रिपोर्ट जल्द ही प्रकाशित की जाएगी और उत्तराखंड सरकार को सौंप दी जाएगी। उत्तराखंड सरकार ने पिछले साल मई में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था।
 
इस समिति का गठन उत्तराखंड के निवासियों के व्यक्तिगत दीवानी मामलों से जुड़े विभिन्न मौजूद कानूनों पर गौर करने और विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने और रखरखाव जैसे विषयों पर मसौदा कानून या कानून तैयार करने या मौजूदा कानूनों में बदलाव का सुझाव देने के लिए किया गया था।
 
इस संबंध में एक अधिसूचना 27 मई, 2022 को जारी की गई थी। देसाई ने सवालों का जवाब देते हुए यूसीसी के मसौदे या समिति की रिपोर्ट का विवरण साझा करने से इनकार कर दिया और कहा कि इसे पहले राज्य सरकार को सौंपना होगा।
 
उन्होंने कहा, हमारा जोर महिलाओं, बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक समानता सुनिश्चित करना है। हमने भेदभाव को खत्म कर सभी को एक समान स्तर पर लाने का प्रयास किया है। देसाई ने कहा कि समिति ने मुस्लिम देशों सहित विभिन्न देशों में मौजूदा कानूनों का अध्ययन किया है लेकिन उनके नाम साझा करने से इनकार कर दिया।
 
उन्होंने कहा, हमने विधि आयोग की रिपोर्ट का भी अध्ययन किया है। यदि आप हमारा मसौदा पढ़ेंगे तो आपको लगेगा कि समिति ने हर चीज पर विचार किया है। उन्होंने कहा कि यदि यह मसौदा लागू होता है, तो हमारे देश का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि समिति ने अपनी पहली बैठक पिछले साल चार जुलाई को दिल्ली में की थी और तब से समिति 63 बैठक कर चुकी है।
 
उन्होंने कहा कि लिखित प्रस्तुतियों के साथ-साथ जन संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से जनता की राय जानने के लिए पिछले साल एक उप समिति का गठन किया गया था। देसाई ने कहा कि उप-समिति ने अपने जन संवाद कार्यक्रम की शुरुआत सीमावर्ती आदिवासी गांव माणा से की थी और उत्तराखंड के सभी जिलों को शामिल करते हुए 40 अलग-अलग स्थानों का दौरा किया।
 
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का समापन 14 जून को दिल्ली में एक सार्वजनिक चर्चा के साथ हुआ था जिसमें दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों ने भाग लिया था। उन्होंने कहा कि उप-समिति की देहरादून और अन्य स्थानों पर 143 बार बैठकें हुईं। उन्होंने कहा कि समिति ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, राज्य वैधानिक आयोगों के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के नेताओं के साथ भी बातचीत की।
 
देसाई ने कहा, उप समिति ने सार्वजनिक चर्चा के दौरान लगभग 20000 लोगों के साथ बातचीत की, समिति को लोगों से कुल मिलाकर 2.31 लाख लिखित प्रस्तुतियां प्राप्त हुईं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड यूसीसी समिति ने दो जून को दिल्ली में विधि आयोग के अध्यक्ष और उसके सदस्यों के साथ बातचीत भी की।
 
उन्होंने कहा, देश के विधि आयोग के अध्यक्ष ने विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के साथ बैठक के लिए अनुरोध किया था। यह बैठक दो जून को आयोजित की गई थी जिसमें विधि आयोग और विशेषज्ञ समिति दोनों के सदस्यों के साथ-साथ अध्यक्ष भी मौजूद थे।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
ये भी पढ़ें
खुशखबर! कई घरेलू हवाई मार्गों पर विमान किराया घटा