क्या लालू यादव को बेटी ने किडनी दान नहीं की थी, आखिर क्या है सच, रोहिणी आचार्य ने किया खुलासा
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद की पुत्री रोहिणी आचार्य ने बुधवार को अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि गंदी मानसिकता वाले कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि उन्होंने अपने पिता को किडनी दान नहीं की थी। रोहिणी आचार्य (47) ने एक्स पर एक पोस्ट लिखकर अपनी नाराजगी जताई। रोहिणी ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि अगर कोई यह साबित कर दे कि उन्होंने किसी के लिए किसी से फायदा उठाया है या यह सच नहीं है कि उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद को किडनी दान की थी, तो वह राजनीति और सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगी।
रोहिणी आचार्य को उनके छोटे भाई और उनके पिता के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव के समर्थकों द्वारा उपेक्षित किए जाने की बातें कही जाती रही हैं। रोहिणी ने पोस्ट में लिखा कि गंदी मानसिकता वाले लोगों और उनके संरक्षकों को मेरी खुली चुनौती है कि अगर वे यह साबित कर दें कि मैंने किसी के लिए भी किसी से पक्षपात किया है या यह झूठ है कि मैंने अपने पिता को किडनी दान की है, तो मैं राजनीति और सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लूंगी।
रोहिणी चिकित्सा विज्ञान में स्नातक हैं और विवाह के बाद सिंगापुर में अपने पति और बच्चों के साथ गृहिणी का जीवन बिता रही थीं। वह अपने पिता के किडनी प्रतिरोपण के समय चर्चा में आई थीं। उस समय उनके त्याग की खूब सराहना हुई थी। उन्होंने पिछले वर्ष राजनीति में कदम रखते हुए सारण लोकसभा सीट से राजद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, जहां से कभी लालू प्रसाद सांसद रहे थे। लेकिन रोहिणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और कई बार सांसद रहे राजीव प्रताप रूड़ी से यह सीट नहीं जीत सकीं।
हाल के दिनों में रोहिणी ने एक्स पर कई ऐसी टिप्पणियां की हैं, जिससे परिवार में मतभेद की अटकलें लगाई जा रही है। अपने नए पोस्ट में उन्होंने अपमानित करने वालों से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने लिखा, झूठे आरोप लगाने वाले और भड़काने वाले लोग यदि मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें सार्वजनिक रूप से मुझसे और देश की हर मां, बहन और बेटी से माफी मांगनी चाहिए।
रोहिणी ने यह भी कहा, उन्हें यह शपथ भी लेनी चाहिए कि आगे से किसी की मां, बहन या बेटी के बारे में कोई दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी नहीं करेंगे। स्थानीय मीडिया के एक वर्ग ने रोहिणी के बयान के अंतिम हिस्से की व्याख्या इस रूप में की है कि यह परोक्ष रूप से राजद और उसके सहयोगी कांग्रेस पर तंज है। इन दलों को हाल में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिवंगत मां के खिलाफ कुछ जनसभाओं में की गई अभद्र टिप्पणियों के लिए कठघरे में खड़ा किया गया है। एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma