शनिवार, 19 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Can Guru Granth Sahib be taken to the Protest site
Written By
Last Modified: सोमवार, 13 मार्च 2023 (16:31 IST)

क्‍या गुरु ग्रंथ साहिब को प्रदर्शन स्थल पर ले जा सकते हैं, अकाल तख्त की समिति ने सौंपी रिपोर्ट

क्‍या गुरु ग्रंथ साहिब को प्रदर्शन स्थल पर ले जा सकते हैं, अकाल तख्त की समिति ने सौंपी रिपोर्ट - Can Guru Granth Sahib be taken to the Protest site
अमृतसर। गुरु ग्रंथ साहिब के 'सरूप' (प्रतिलिपि) को प्रदर्शन स्थलों पर ले जाने के संबंध में फैसला करने के लिए अकाल तख्त द्वारा गठित एक समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस समिति ने सिख धार्मिक संगठनों, शिक्षाविदों और विद्वानों के विचार प्राप्त करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।

अकाल तख्त सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था है। समिति ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को अपनी यह रिपोर्ट सौंपी है। अकाल तख्त ने यह तय करने के लिए 16 सदस्यीय एक उपसमिति का गठन किया था कि क्या गुरु ग्रंथ साहिब को धरना और प्रदर्शन स्थलों के अलावा उन जगहों पर ले जाया जा सकता है, जहां पवित्र ग्रंथ का अनादर होने की आशंका होती है।

उपसमिति के समन्वयक करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने रविवार को सीलबंद रिपोर्ट ज्ञानी हरप्रीत सिंह को सौंपी।हालांकि उन्होंने यह कहते हुए रिपोर्ट के बारे में जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया कि यह जत्थेदार का विशेषाधिकार है।

पीर मोहम्मद ने कहा कि उन्होंने और पैनल के अन्य सदस्यों ने शिक्षाविदों, विद्वानों और धार्मिक संगठनों से मुलाकात की, जिसमें दशमेश तरना दल, दमदमी टकसाल, सिख मिशनरी कॉलेज- रूपनगर, चीफ खालसा दीवान, गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल- लुधियाना और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी शामिल हैं।

अकाल तख्त सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि 'पंज सिंह साहिबान' या पंज प्यारे द्वारा रिपोर्ट पर चर्चा करने के बाद इस मुद्दे पर निर्णय की घोषणा की जाएगी। बैठक 14 मार्च को स्वर्ण मंदिर परिसर में गुरुद्वारा मंजी साहिब दीवान हॉल में होनी है।

यह मुद्दा पिछले महीने की अजनाला की घटना के बाद सामने आया था, जब कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने अवरोधक तोड़ दिए थे और अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में एक पुलिस थाने में घुस गए थे और पुलिस से भिड़ गए थे। प्रदर्शनकारी अमृतपाल के एक सहयोगी की रिहाई की मांग कर रहे थे। फोटो सौजन्‍य : टि्वटर
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
ये भी पढ़ें
समलैंगिक विवाह का मामला संविधान पीठ को सौंपा, 18 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई