उर्दू शायर बशर नवाज का निधन
मुंबई। हिन्दी फिल्म बाजार के लोकप्रिय गीत 'करोगे याद तो हर बात याद आएगी' के रचनाकार और मशहूर उर्दू शायर बशर नवाज का संक्षिप्त बीमारी के बाद बुधवार महाराष्ट्र के औरंगाबाद में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे।
उनके परिवार में चार पुत्र और सात पुत्रियां हैं। नवाज ने आधुनिक उर्दू शायरी में एक अलग ही मुकाम बनाया और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहे गए। उन्होंने बाजार के अलावा लोरी, जाने वफा और तेरे शहर में आदि फिल्मों के लिए भी गीत लिखे।
उनके गीतों को मोहम्मद रफी, तलत अजीज, लता मंगेशकर, आशा भोसले, गुलाम अली और भूपेंद्र जैसे गायकों ने अपने स्वर दिए।
औरंगाबाद में 18 अगस्त 1935 को जन्मे नवाज की रचनाएं विभिन्न उर्दू पत्रिकाओं में नियमित तौर पर प्रकाशित होती थीं। वे शुरू में वामपंथी आंदोलन से प्रभावित थे जो उनकी कविताओं में भी झलकता था।
बशर ने रेडियो के लिए नाटक भी लिखे थे। टीवी धारावाहिक अमीर खुसरो की पटकथा भी उन्होंने लिखी थी। जामा मस्जिद में आज शाम नमाज-ए-जनाजा के बाद औरंगाबाद के पंचकुआं कब्रिस्तान में उन्हें दफना दिया गया। (भाषा)