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Last Updated : शुक्रवार, 20 अगस्त 2021 (15:58 IST)

IMA के 80 अफगानी कैडेट और IIT रुड़की के 58 छात्र अफगानिस्तान के हालातों से चिंतित, उत्तराखंड के लोगों को लाने में जुटी राज्‍य सरकार

देहरादून : IMA के 80 अफगानी कैडेट और IIT रुड़की के 58 छात्र अफगानिस्तान के हालातों को देख हो रहे चिंतित, उत्तराखंड के लोगों को लाने में जुटी राज्‍य सरकारIMA के 80 अफगानी कैडेट और IIT रुड़की के 58 छात्र अफगानिस्तान के हालातों को देख हो रहे चिंतित, उत्तर - Afghani cadets of IMA and students of IIT Roorkee are worried about the situation in Afghanistan
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि अफगानिस्तान में उत्तराखंड के जो लोग फंसे हुए हैं, उन्हें वापस सकुशल लाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। ये लोग जल्द ही सकुशल अपने घर वापस आ जाएंगे।मुख्यमंत्री ने आज ही इस संबंध में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में भी बात कर आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम केंद्र सरकार के लगातार संपर्क में हैं। केन्द्र सरकार द्वारा अफगानिस्तान से प्रत्येक भारतीय की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा रही है।हेल्पलाइन 112 पर भी सूचित किया जा सकता है। उत्तराखण्ड सरकार, केंद्र सरकार के सहयोग से अफ़गानिस्तान में रह गए अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी हेतु प्रयासरत है।

दूसरी ओर देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में प्रशिक्षण ले रहे दो बैच के 80 अफगानी कैडेट के भविष्य पर भले ही अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हों लेकिन वे सभी अपने परिवार को लेकर चिंतित हैं।अफगान नेशनल डिफेंस और सुरक्षाबलों के लिए तालिबान की घृणा को देखते हुए उनकी यह चिंता बढ़ती जा रही है।भारतीय सैन्य अकादमी में कई मित्र देशों के भी कैडेट प्रशिक्षण लेते हैं।

अब तक 30 मित्र देशों के तकरीबन ढाई हजार से अधिक युवाओं को अकादमी में प्रशिक्षित किया जा चुका है। प्रशिक्षित लोगों में बड़ी संख्या अफगानी कैडेट्स की भी है।पिछले कुछ वर्षों से हर छह महीने में चालीस अफगानी कैडेट अकादमी से पास आउट होते रहे हैं। ऐसे में यह समझा  जाता है कि अफगान की सेना का कमांडर आईएमए से ही प्रशिक्षित होता रहा है।

अभी जो कैडेट यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं, उनका भविष्य अब भारत सरकार के अगले कदम पर निर्भर है।हालांकि आईएमए की जनसंपर्क अधिकारी ले. कर्नल हिमानी पंत के अनुसार, अफगानी कैडेट को अभी पूर्व की तरह ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। इसके अलावा सेना मुख्यालय के निर्देशों का इंतजार है। उसके बाद ही कुछ स्पष्ट बता पाना मुमकिन होगा।अफगानी कैडेट के प्रशिक्षक व फैकल्टी हर स्थिति में उनके साथ हैं और उनका हौसला बढ़ा रहे हैं।
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