मुरादाबाद में 19 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म, विरोध करने पर छत से फेंका
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 19 वर्षीय एक छात्रा के साथ उसके पड़ोसी द्वारा बंदूक के जोर पर दुष्कर्म करने और इसकी जानकारी देने की कोशिश करने पर छत से फेंकने का मामला सामने आया है। दिलारी पुलिस थाने के प्रभारी सरताज सिंह ने बताया कि छत से गिरने की वजह से लड़की को गंभीर चोटें आई हैं और उसे इलाज के लिए मुरादाबाद के दीनदयाल राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यह घटना मंगलवार की रात दिलारी पुलिस थानाक्षेत्र के अंतर्गत एक गांव में तब हुई जब पीड़िता का पड़ोसी अरविंद सिंह छत के रास्ते उसके घर में दाखिल हो गया और बंदूक के जोर पर उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने बताया कि जब पीड़िता अपने घरवालों को जगाने के लिए चिल्लाई तो अरविंद ने उसे छत से नीचे धक्का दे दिया।
पीड़िता के परिवार वाले उसे ठाकुरद्वारा स्थित नजदीकी अस्पताल ले गए। परिवार के सदस्यों ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने पहले दर्ज कराई गई प्राथमिकी में दुष्कर्म के आरोप को शामिल नहीं किया था।
उनके मुताबिक पुलिस ने घटना के दिन दर्ज प्राथमिकी में केवल महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने, जबरन घर में घुसने एवं घायल करने की धाराओं को ही शामिल किया था लेकिन मुरादाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभाकर चौधरी के हस्तक्षेप के बाद प्राथमिकी में दुष्कर्म की धारा भी जोड़ी गई।
एसएसपी चौधरी ने बताया कि पीड़िता ने होश में आने के बाद भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करवाया जिसमें उसने पड़ोसी पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया।
उन्होंने बताया कि बयान के आधार पर प्राथमिकी में दुष्कर्म की धारा जोड़ी गई और आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया गया। थाना प्रभारी ने पीड़िता के पिता के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पुलिस ने पूरी तरह से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया और प्राथमिकी में सभी धाराएं शामिल की जबकि दुष्कर्म की धारा सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान के आधार पर जोड़ी गई।
उन्होंने कहा कि पीड़िता को भी मुरादाबाद के दीनदयाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़िता का अस्पताल में दुष्कर्म एवं चोटों की जांच की गई लेकिन अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनीता ने जांच के नतीजों की जानकारी नहीं दी।(भाषा)