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Last Updated : गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024 (13:26 IST)

लोकसभा चुनाव 2024: हाईप्रोफाइल ग्वालियर लोकसभा सीट पर भाजपा को चुनौती दे पाएगी कांग्रेस?

लोकसभा चुनाव 2024: हाईप्रोफाइल ग्वालियर लोकसभा सीट पर भाजपा को चुनौती दे पाएगी कांग्रेस? - Political equation of Gwalior Lok Sabha seat
मध्यप्रदेश की ग्वालियर लोकसभा सीट देश की हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, माधवराव सिंधिया, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके है।

भाजपा के गढ़ के रूप में पहचानी जाने वाली ग्वालियर लोकसभा सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला हाईवोल्टेज होने के साथ दिलचस्प भी हो सकता है। इसकी वजर विधानसभा चुनाव में ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस का बराबर सीटें जीतना है। वहीं महापौर चुनाव में ग्वालियर में कांग्रेस का कब्जा होना भाजपा के लिए खतरे की घंटी है।

ग्वालियर लोकसभा सीट-ग्वालियर लोकसभा सीट पर कुल 8 विधानसभा क्षेत्र आते है। जिसमें 6 विधानसभा सीटें ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा, ग्वालियर विधानसभा सीट, ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट, भितरवार विधानसभा सीट, डबरा विधानसभा सीट, ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट ग्वालियर जिले में आती है वहीं 2 विधानसभा सीटें करैरा और पोहरी शिवपुरी जिले में आती है।

ग्वालियर लोकसभा सीट का राजनीतिक नजरिए के साथ ऐतिहासिक रूप से महत्व है। संगीत सम्राट तानसेन की नगरी कहलाने वाले ग्वालियर एक बड़े सांस्कृतिक, औद्योगिक केंद्र के रुप में भी पहचाना जाता है।

लोकसभा सीट में मतदाताओं की संख्‍या-ग्वालियर  लोकसभा सीट पर चुनाव आयोग ने अभी अंतिम रूप से वोटर्स की संख्या जारी नहीं की है। चुनाव आयोग की ओर तारीखों के एलान के बाद ही अंतिम मतदाताओं को लेकर स्थिति साफ हो पाएगी। वहीं चुनाव आयोग की  ओर से अंतिम आंकड़ों के मुताबिक ग्वालियर जिले में मतदाताओं की संख्या 16 लाख 27 हजार 466 है। मतदाताओं की यह संख्या विधानसभा चुनाव के बाद चुनाव आयोग की ओर से प्रकाशित अंतिम सूची की  है।

विधानसभा चुनाव में भाजपा पर भारी कांग्रेस-अगर नवंबर-दिसंबर 2023 के विधानसभा चुनाव की नतीजों की बात करें तो इस बार ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में मुकाबला बराबरी का रहा है। जिसमें 4 सीटों भाजपा के खाते में और 4 सीटें कांग्रेस के खाते में गए है। इसमें भाजपा ने ग्वालियर विधानसभा सीट, ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट, भितरवार विधानसभा सीट और करैरा विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई है। वहीं कांग्रेस के खाते में ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट, ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट, डबरा विधानसभा सीट और पोहरी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई।

दिलचस्प बात यह है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा की तुलना में 8 सीटें मिलाकर आधिक वोट प्राप्त हुए है। लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो कांग्रेस को भाजपा से 23,250 वोट अधिक प्राप्त हुए है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में मुकाबला बराबरी का नजर आ रहा है।

ग्वालियर लोकसभा सीट पर संभावित उम्मीदवार-ग्वालियर लोकसभा सीट पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के विवेक नारायण शेजवलकर ने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को करीब डेढ़ लाख मतों से हराया था। इस बार ग्वालियर लोकसभा सीट पर भाजपा  और कांग्रेस दोनों की ओर से नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी है। भाजपा की ओर राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रबल दावेदार है। वहीं अगर जातीय समीकरण की बात करें तो पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह पर भी पार्टी दांव लगा सकती है। लोकसभा क्षेत्र की आठों विधानसभा सीटों में कुशवाह वोटर्स की संख्या 2 लाख के आसपास है, ऐसे में भाजपा जातीय समीकरण को  साधने के लिए कुशवाह उम्मीदवार उतार सकती है।

वहीं कांग्रेस की ओर लोकसभा चुनाव के प्रबल दावेदार अशोक सिंह को राज्यसभा भेजे जाने  के  बाद पार्टी अब किसी नए चेहरे पर दांव लगाएगी। कांग्रेस की ओर पूर्व सांसद रामसेवक सिंह बाबूजी, प्रवीण पाठक के साथ शहर कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा उम्मीदवार हो सकते है।

लोकसभा चुनाव का मुद्दा- सामान्य तौर पर ग्वालियर लोकसभा सीट भाजपा के गढ़ के तौर पर पहचानी जाती है। लोकसभा चुनाव में सामान्य तौर पर राष्ट्रीय मुद्दों पर ग्वालियर की जनता वोट करती आई। ग्वालियर की जनता स्थानीय उम्मीदवार के साथ प्रधानमंत्री चेहरे और विकास के मुद्दे पर वोट करती आई है। ग्वालियर लोकसभा सीट हाईप्रोफाइल होने से उम्मीदवारों का चयन महत्वपूर्ण होने के साथ जातीय समीकरण भी अपना असर डालते है। ग्वालियर लोकसभा  सीट पर ब्राह्मण, क्षत्रिय के साथ ह कुशवाह, गुर्जर, बघेल, जाटव, किरार, रावत और  यादव वोटर्स निर्णायक भूमिका निभाते है। यहां हर बार जनता ने प्रधानमंत्री के फेस और विकास के मुद्दे पर ही वोट दिया है।

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