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Written By WD Sports Desk
Last Updated : शनिवार, 10 अगस्त 2024 (17:55 IST)

एक सरहद, दो मां, नीरज और अरशद की मां ने पेश की खेलभावना की मिसाल

एक सरहद, दो मां, नीरज और अरशद की मां ने पेश की खेलभावना की मिसाल - One border, two mothers, How Neeraj Chopra and Arshad Nadeem's mothers set example of sporting spirit
Neeraj Chopra and Arshad Nadeem's mothers  : ‘गोल्ड जिसका है , वो भी हमारा ही लड़का है, ये बात सिर्फ एक मां ही कह सकती है। अद्भुत।’’
 
शोएब अख्तर ने दो पंक्तियों में सरहद के आर पार के जज्बात बयां कर दिए जो चैम्पियन भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा और अरशद चोपड़ा की मां द्वारा एक दूसरे के बच्चे को अपना बच्चा कहे जाने के बाद उमड़े हैं।
 
आम तौर पर भारत और पाकिस्तान की टक्कर खेल के किसी भी मैदान पर होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग जहर उगलते दिखते हैं लेकिन इस बार आलम अलग है। इसका श्रेय नीरज की मां सरोज देवी और अरशद की मां रजिया परवीन को भी जाता है।
 
नदीम ने गुरुवार की रात 92.97 मीटर के रिकॉर्ड ओलंपिक प्रयास से स्वर्ण पदक अपने नाम किया जबकि नीरज ने सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.45 मीटर के साथ रजत पदक जीता।
 
नीरज लगातार दो ओलंपिक व्यक्तिगत स्पर्धा का पदक जीतने वाले तीसरे और ट्रैक एवं फील्ड के पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए।
 
सरोज ने पानीपत के खंडरा गांव में ‘पीटीआई वीडियो’ को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘हम रजत पदक से बहुत खुश हैं, जिसने स्वर्ण पदक जीता वह भी हमारा बच्चा है और जिसने रजत पदक प्राप्त किया वह भी हमारा बच्चा है... सभी एथलीट हैं, सभी कड़ी मेहनत करते हैं।’’
 
उन्होंने गुरुवार देर रात को दिये इस इंटरव्यू में कहा, ‘‘नदीम भी अच्छा है, वह अच्छा खेलता है, नीरज और नदीम में कोई अंतर नहीं है। हमें स्वर्ण और रजत पदक मिला, हमारे लिए कोई अंतर नहीं है।’’
 
नीरज और नदीम दोनों प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद मैदान के बाहर अच्छे दोस्त हैं।


 
अरशद की मां रजिया परवीन ने ‘इंडी उर्दू’ चैनल से कहा ,‘‘ वे दोनों दोस्त नहीं बल्कि भाई हैं। मैं नीरज के लिए भी दुआ करूंगी कि उसे और कामयाबी मिले।’’
 
उन्होंने कहा ,‘‘ नीरज भी हमारे बच्चे जैसा है। मैं दुआ करूंगी कि वह और पदक जीते। खेल में जीत हार होती है लेकिन ये दोनों भाई हैं।’’
 
सच भी है जब तोक्यो ओलंपिक फाइनल के दौरान अरशद को भालों के आसपास देखा गया तो सोशल मीडिया पर उनकी ट्रोलिंग हुई थी कि वह नीरज के भाले से छेडछाड़ कर रहे हैं लेकिन उस समय नीरज ने उनका बचाव किया था।
 
इसके अलावा अरशद ने नया भाला खरीदने के लिए लोगों से मदद मांगी तो नीरज ने भी मदद की पेशकश की थी।

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‘चूरमा’ से होगा नीरज का स्वागत :
 
नीरज का ‘देशी खाने’ के प्रति लगाव जगजाहिर है और उनका परिवार दो बार के ओलंपिक पदक विजेता का उनके पसंदीदा व्यंजन ‘चूरमा’ के साथ स्वागत करने की योजना बना रहा है।
 
सरोज ने कहा, ‘उसने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया। हम उसका स्वागत ‘चूरमा’ से करेंगे जो उसका पसंदीदा है। मुझे खुशी है, लोग पटाखे जला रहे हैं, हम लड्डू बना रहे हैं।’’
 
नीरज का यह प्रदर्शन काफी सराहनीय है क्योंकि सात खिलाड़ियों ने 86 मीटर से अधिक दूरी हासिल की थी।
 
नीरज की चाची कमलेश ने कहा, ‘‘हम बहुत खुश हैं। उसने इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। सभी 88-89 मीटर के करीब थे इसलिए प्रतिस्पर्धा बहुत कठिन थी। यह स्वर्ण या रजत जीतने के बारे में नहीं है, बल्कि पदक जीतने के बारे में है और उसने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।’’
 
नीरज भारत के सबसे प्रतिष्ठित एथलीटों में से एक हैं, जिन्होंने ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप, डायमंड लीग, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों सहित हर टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता है।

 
कमलेश ने कहा, ‘‘तोक्यो के बाद रजत के अलावा कोई पदक नहीं बचा था, उसकी भी जरूरत थी इसलिए उसे मिल गया।’’
 
उन्होंने कहा कि नदीम के बड़े प्रयास (92.97 मीटर) के बाद परिवार को अंदाजा था कि नीरज के स्वर्ण जीतने की संभावना कम हो गयी है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘नदीम के थ्रो के बाद हमें लग रहा था (कि वह स्वर्ण जीतेगा) लेकिन वह भी हमारा बेटा है, हम उसके लिए खुश हैं। वह एशिया का बेटा है। हम नदीम और नीरज के बीच अंतर नहीं करते। दोनों ने स्वर्ण और रजत हासिल किया है और हम बहुत खुश हैं।’’ (भाषा) 
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