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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 9 अप्रैल 2024 (10:29 IST)

chaitra navratri 2024: नवदुर्गा की 9 औषधियों के नाम

जानें नवदुर्गा के नौ स्वरूप और नौ औषधि के बारे में

chaitra navratri 2024: नवदुर्गा की 9 औषधियों के नाम - 9 medicine of navdurga
Chaitra Navratri 2024
HIGHLIGHTS
 
• निम्न 9 औषधियों को माना गया है नवदुर्गा के 9 रूप।
• रोगमुक्ति के लिए फायदेमंद हैं ये 9 औषधि।
• इन दिव्य औषधि‍यों सेवन से मिलते हैं सेहत को फायदे।
Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व का आरंभ हो गया है। प्रतिवर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि शुरू होती हैं तथा इन दिनों मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। हिन्दू धर्मशास्त्रों में नवदुर्गा यानी मां दुर्गा के 9 रूपों और उनके 9 औषधि‍यों का वर्णन मिलता है। 
 
मान्यतानुसार मां के 9 रूप इन औषधियों में विराजते हैं तथा मां अम्बे के यह नौ रूप, जो समस्त रोगों से बचाकर जगत का कल्याण करते हैं। नवदुर्गा के नौ औषधि स्वरूपों को सर्वप्रथम मार्कण्डेय चिकित्सा पद्धति के रूप में दर्शाया गया और ब्रह्मा जी द्वारा उपदेश में चिकित्सा प्रणाली के इस रहस्य को 'दुर्गा कवच' कहा गया है। 
यहां जानिए नवदुर्गा के दिव्य गुणों वाली 9 औषधियों के नाम के बारे में खास जानकारी-
 
1.- प्रथम शैलपुत्री (हरड़)। 
 
2.- ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी)। 
 
3.- चंद्रघंटा (चंदुसूर)। 
 
4.- कूष्मांडा (पेठा)। 
 
5.- स्कंदमाता (अलसी)। 
 
6.- कात्यायनी (मोइया)। 
 
7.- कालरात्रि (नागदौन)। 
 
8.- महागौरी (तुलसी)।
 
9.- सिद्धिदात्री (नारायणी या शतावरी)। 

अत: हर मनुष्य को नौ देवी की आराधना और उनकी नौ औषधियों का सेवन अवश्‍य ही करना चाहिए, क्योंकि यह देवी नौ औषधि के रूप में प्रत्येक बीमारी को ठीक करके उचित तरह से रक्त का संचालन करके सभी को स्वस्थ करती है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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