What are the 9 days and 9 colors of Navratri 2025 : नवरात्रि का पावन पर्व हिंदू धर्म में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का उत्सव है। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक है, बल्कि इसमें रंगों का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन एक विशेष रंग के वस्त्र पहनने से माता रानी के नौ अलग-अलग रूपों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि के नौ दिन कौन-कौन से रंग पहनना शुभ माना जाता है और उनका क्या महत्व है।
पहला दिन: शैलपुत्री (सफेद रंग) नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। इस दिन सफेद रंग पहनना शुभ माना जाता है। सफेद रंग ज्ञान, संतुलन और सादगी का प्रतीक है।
दूसरा दिन: ब्रह्मचारिणी (लाल रंग) दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी का है। इस दिन लाल रंग पहनना चाहिए। लाल रंग प्रेम, ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है। यह रंग मां दुर्गा के उत्साह और शक्ति को दर्शाता है।
तीसरा दिन: चंद्रघंटा (नीला रंग) तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। इस दिन नीला रंग पहनें। यह रंग शांति, ज्ञान और स्थिरता का प्रतीक है।
चौथा दिन: कूष्मांडा (हरा रंग) चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन पीला रंग पहनना चाहिए। पीला रंग खुशी, ज्ञान और उत्साह का प्रतीक है।
पांचवा दिन: स्कंदमाता (हरा रंग) पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन हरा रंग पहनना शुभ माना जाता है। हरा रंग प्रकृति, विकास और ताजगी का प्रतीक है।
छठा दिन: कात्यायनी (स्लेटी रंग) छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है। इस दिन स्लेटी रंग के कपड़े पहनें। स्लेटी रंग अंधकार के नाश और रक्षा का प्रतीक है।
सातवां दिन: कालरात्रि (नारंगी रंग) सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है। यह दिन नारंगी रंग पहनने के लिए शुभ है। नारंगी रंग उत्साह, सकारात्मकता और खुशी का प्रतीक है।
आठवां दिन: महागौरी (मोर वाला हरा रंग) आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन मोर वाला हरा रंग पहनना शुभ माना जाता है। यह रंग समृद्धि, सम्मान और शक्ति का प्रतीक है।
नवां दिन: सिद्धिदात्री (गुलाबी रंग) नवरात्रि का अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। इस दिन गुलाबी रंग पहनना चाहिए। गुलाबी रंग प्रेम, दया और करुणा का प्रतीक है।
नवरात्रि में रंगों का महत्व
नवरात्रि में इन रंगों के वस्त्र पहनने से न केवल हम मां दुर्गा के नौ रूपों का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन भी लाता है। ये रंग हमें हर दिन एक नई भावना और ऊर्जा के साथ जोड़ते हैं, जिससे हम इस पवित्र पर्व का पूरा लाभ उठा पाते हैं। यह एक ऐसा तरीका है जिससे हम अपनी श्रद्धा और भक्ति को और भी गहराई से व्यक्त कर सकते हैं।
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