Durga Ashtami Significance in Bengal
Durga Ashtami Significance in Bengal: बंगाल में दुर्गा पूजा का जोश और उल्लास पूरे भारत में प्रसिद्ध है। इसमें खासतौर पर दुर्गा अष्टमी का दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन शक्ति, भक्ति और आध्यात्मिकता से भरा होता है। आइए जानते हैं क्यों है बंगाल में दुर्गा अष्टमी का इतना महत्व और इसे किस प्रकार मनाया जाता है।
बंगाल में दुर्गा अष्टमी: श्रद्धा, शक्ति और संस्कृति का उत्सव
दुर्गा अष्टमी हिंदू धर्म में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह दिन माता दुर्गा के अष्टम रूप महागौरी की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि महागौरी ने अपने भक्तों के कष्टों का निवारण किया और संसार को बुराइयों से मुक्त किया। इसलिए इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
बंगाल में, दुर्गा अष्टमी का दिन खासतौर से कन्या पूजन, संधि पूजा और कई पारंपरिक रीति-रिवाजों के लिए जाना जाता है। यह दिन सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
बंगाल में दुर्गा अष्टमी के अनुष्ठान
1. संधि पूजा:
बंगाल में दुर्गा अष्टमी के दिन की सबसे महत्वपूर्ण पूजा होती है संधि पूजा। यह पूजा अष्टमी और नवमी के बीच की संधि बेला में की जाती है। मान्यता है कि इस समय माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इस पूजा में खासतौर पर 108 दीप और 108 कमल के फूलों से मां की पूजा होती है।
कन्या पूजन:
इस दिन छोटी कन्याओं को देवी के रूप में पूजा जाता है, उन्हें भोजन कराया जाता है और उपहार दिए जाते हैं। इसे कुमारी पूजा भी कहते हैं, जिसमें लड़कियों को देवी दुर्गा का अवतार मानकर उनकी आराधना की जाती है।
धाक और ढोल की धुन:
बंगाल में दुर्गा अष्टमी पर (ढोल) की धुन पूरे माहौल को भक्तिमय बना देती है। लोग पारंपरिक कपड़े पहनकर पूजा पंडालों में इकट्ठा होते हैं और मां दुर्गा की आराधना में लीन हो जाते हैं।
दुर्गा अष्टमी के सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू :
दुर्गा अष्टमी का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं है, बल्कि यह बंगाल की संस्कृति और समाज का एक अभिन्न हिस्सा है। इस दिन बंगाल में लाखों लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर दुर्गा पूजा पंडालों में जाते हैं, मां दुर्गा का दर्शन करते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाते हैं।
दुर्गा पूजा के दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं, जिनमें संगीत, नृत्य और नाटकों का आयोजन किया जाता है। यह समय बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित होता है और यहां की कला और संगीत के लिए एक विशेष मंच प्रदान करता है।
दुर्गा अष्टमी का बंगाल में खास महत्व है। यह सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि समाज, संस्कृति और परंपराओं को जोड़ने वाला उत्सव है। बंगाल में दुर्गा अष्टमी का उत्सव माता दुर्गा की शक्ति, करुणा और उनके भक्तों के प्रति प्रेम को समर्पित है। हर साल, यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी लोगों को एकजुट करता है।
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