Shardiya navratri 2025: नवरात्रि, नौ रातों का एक दिव्य पर्व है, जो पूरे भारत में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दौरान, माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि में, विशेष रूप से, देशभर में भव्य सार्वजनिक पंडाल सजाए जाते हैं, जो सिर्फ पूजा के केंद्र नहीं, बल्कि कला, संस्कृति और सामुदायिक भावना का भी अद्भुत संगम होते हैं। ये पंडाल अपनी-अपनी खासियतों के लिए जाने जाते हैं। आइए, कुछ सबसे प्रसिद्ध सार्वजनिक पंडालों की विशेषताओं पर नज़र डालते हैं:-
कोलकाता का दुर्गा पूजा पंडाल: कला और भव्यता का प्रतीक
कोलकाता की दुर्गा पूजा विश्व प्रसिद्ध है और इसे यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में भी शामिल किया गया है। यहाँ पंडाल सिर्फ पूजा स्थल नहीं, बल्कि कला के शानदार नमूने होते हैं। हर साल एक अलग थीम पर आधारित पंडाल बनाए जाते हैं, जिसमें सामाजिक संदेश, ऐतिहासिक घटनाएं या प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाया जाता है।
थीम-आधारित पंडाल: कलाकार महीनों पहले से इन पंडालों पर काम करना शुरू कर देते हैं। बांस और कपड़े से बनी ये संरचनाएं इतनी जीवंत होती हैं कि देखने वाले दंग रह जाते हैं।
प्रतिमाएं: यहाँ माँ दुर्गा की प्रतिमाएं पारंपरिक ढाक की थाप पर स्थापित की जाती हैं। इनमें माँ, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कार्तिक की मूर्तियां एक साथ एक ही चाला में होती हैं।
दिल्ली का चित्तरंजन पार्क पंडाल: बंगाली संस्कृति का गढ़
दिल्ली के चित्तरंजन पार्क को 'मिनी कोलकाता' भी कहा जाता है। यहाँ की दुर्गा पूजा दिल्ली की सबसे लोकप्रिय दुर्गा पूजा में से एक है। यह पंडाल पारंपरिक बंगाली संस्कृति और रीति-रिवाजों का अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।
पारंपरिक बंगाली माहौल: यहाँ आपको पारंपरिक धुनुची नाच और ढाक की थाप सुनने को मिलेगी, जो आपको सीधे बंगाल के पंडालों का एहसास कराएगी।
कला और संस्कृति: विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, जैसे कि नाटक, संगीत और नृत्य प्रदर्शन यहाँ की रौनक को और बढ़ा देते हैं।
मुंबई का पंडाल: फिल्मी चकाचौंध और भक्ति का मेल
मुंबई, ग्लैमर की नगरी, में भी नवरात्रि का उत्साह देखने लायक होता है। यहाँ के सार्वजनिक पंडाल अपनी भव्यता और फिल्मी हस्तियों की उपस्थिति के लिए जाने जाते हैं।
भव्यता और सुरक्षा: मुंबई के कुछ पंडाल, जैसे मुंबईचा राजा और अंधेरीचा राजा, बहुत विशाल होते हैं और इनमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहाँ सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है।
सेलिब्रिटी दर्शन: ये पंडाल बॉलीवुड कलाकारों और मशहूर हस्तियों को भी आकर्षित करते हैं, जिससे यहाँ का माहौल और भी खास हो जाता है।
देवास का दुर्गा पूजा पंडाल: कला और भव्यता का प्रतीक
कोलकाता के बाद देवास में सबसे ज्यादा दुर्गा पांडल बनाए जाते हैं। यहां पर भी प्रत्येक वर्ष एक अलग अलग थीम पर आधारित पंडाल बनाए जाते हैं, जिसमें सामाजिक संदेश, पौराणिक घटयनाएं, ऐतिहासिक घटनाएं या प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाया जाता है।
थीम-आधारित पंडाल: पांडाल बनाने वाले कलाकार और मूर्तिकाल 1 माह पहले से इन पंडालों पर काम करना शुरू कर देते हैं। थर्माकोल, बांस और कपड़े भव्य पांडालों का निर्माण होता है। अति सुंदर सजावट से पांडालों को सजाया जाता है।
प्रतिमाएं: यहां माय दुर्गा की प्रतिमाएं पारंपरिक रूप से स्थापित की जाती हैं। इनमें मां दुर्गा का महिषासुर मर्दनी रूप, चामुंडा स्वरूप सहित अन्य देवी एवं देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित की जाती है।
इन प्रसिद्ध पंडालों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं हैं, बल्कि ये ऐसे स्थान हैं जो लोगों को एक साथ लाते हैं। यहाँ धर्म, कला, संस्कृति और समाज का एक अनोखा संगम देखने को मिलता है। ये पंडाल हमें याद दिलाते हैं कि त्योहार सिर्फ पूजा-अर्चना का माध्यम नहीं, बल्कि एकता और सौहार्द का भी प्रतीक हैं।