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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 22 अगस्त 2025 (15:56 IST)

सुप्रीम कोर्ट ने कुत्ते प्रेमियों से 25 हजार और NGO से क्यों 2 लाख जमा करने को कहा?

Dogs
Supreme Court fine on Dog lovers and NGO : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को स्थायी रूप से अन्यत्र ले जाए जाने के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने वाले कुत्ता प्रेमियों और गैर सरकारी संगठनों से मामले में सुनवाई से पहले एक सप्ताह के भीतर क्रमश: 25,000 रुपए और 2 लाख रुपए जमा करने को कहा। ALSO READ: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कुत्तों को वापस छोड़ने के आदेश पर रोक हटी, खतरनाक कुत्तों का क्या होगा?
 
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ ने कहा कि इस धनराशि का उपयोग संबंधित नगर निकायों के तत्वावधान में आवारा कुत्तों के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण और अन्य सुविधाओं में किया जाना चाहिए।
 
पीठ ने कहा कि इस अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले प्रत्येक कुत्ता प्रेमी और प्रत्येक एनजीओ को सात दिन के भीतर इस अदालत की रजिस्ट्री में क्रमश: 25,000 रुपए और दो लाख रुपए जमा कराने होंगे। ऐसा न करने पर उन्हें मामले में आगे शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
 
कई गैर सरकारी संगठनों और व्यक्तियों ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर 11 अगस्त को शीर्ष अदालत की दो न्यायाधीशों वाली पीठ द्वारा पारित कुछ निर्देशों पर रोक लगाने की मांग की थी।
 
शुक्रवार को तीन न्यायाधीशों की पीठ ने, राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों के काटने से, विशेषकर बच्चों में रेबीज होने की खबरों पर 28 जुलाई को शुरू किए गए स्वत: संज्ञान मामले में अपना यह आदेश सुनाया।
 
पीठ ने कहा कि इच्छुक पशु प्रेमी आवारा कुत्तों को गोद लेने के लिए संबंधित नगर निकायों में आवेदन करने के लिए स्वतंत्र होंगे, जिसके बाद पहचाने गए कुत्ते को टैग किया जाएगा और आवेदक को गोद दे दिया जाएगा। आवेदक की यह जिम्मेदारी होगी कि वह सुनिश्चित करे कि गोद लिए गए आवारा कुत्ते सड़कों पर वापस न आएं।
 
पीठ ने दिल्ली-एनसीआर में आश्रय स्थलों से आवारा कुत्तों को छोड़ने पर रोक लगाने संबंधी 11 अगस्त के निर्देश में संशोधन किया और कहा कि उठाए गए कुत्तों का बंध्याकरण किया जाना चाहिए, उनका टीकाकरण किया जाना चाहिए और उन्हें उसी क्षेत्र में वापस छोड़ दिया जाना चाहिए जहां से उन्हें उठाया गया था।
 
पीठ ने हालांकि कहा कि नगर निगम अधिकारी उस निर्देश का पालन करना जारी रखेंगे, जिसमें उन्हें दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को उठाने और उनकी देखभाल करने को कहा गया है।
 
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि 11 अगस्त के निर्देश को फिलहाल स्थगित रखा जाएगा। न्यायालय के 11 अगस्त के आदेश के बाद देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे। (भाषा)
edited by : Nrapendra Gupta
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