Ujjain Mahakal Temple : आस्था पर भारी पैसा, अव्यवस्थाओं का अंबार, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में लात-घूंसे
उज्जैन। Ujjain Mahakal Temple : देश के 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल उज्जैन के महाकाल मंदिर शिव भक्तों के आस्था का केंद्र है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने महाकाल लोक (Mahakal Lok) का लोकार्पण किया था। महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए वैसे तो देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन महाकाल लोक को निहारने के लिए इनकी संख्या दोगुनी हो गई है।
महाकाल के दरबार में श्रद्धालुओं के बीच विवाद व मारपीट की घटना सामने आई है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो प्रशासन के दावों की पोल खोलता है।
आपस में भिड़े श्रद्धालु : महाकाल मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे श्रद्धालु आपस में ही भिड़ गए और उनके बीच लात घूंसे चले। मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं के बीच हुई मारपीट की घटना का वीडियो सामने आया है जो तेजी से वायरल हो रहा है।
खबरों के अनुसार जिन श्रद्धालुओं के बीच विवाद हुआ वह रसीद वाली लाइन में लगे हुए थे और लाइन में आगे निकलने की होड़ में उनके बीच धक्का-मुक्की व कहासुनी हो गई। इसके बाद उनके बीच मारपीट होने लगी। कुछ देर तक विवाद और हंगामा होने के बाद लोगों ने बीच बचाव किया और तब कहीं जानकर मामला शांत हुआ।
आस्था पर भारी रुपया : भक्त मन में यह कामना लेकर जाता है कि उसे भगवान महाकाल के दर्शन होंगे, लेकिन आस्था के इस केंद्र में उसे हर स्थान पर कड़ी परीक्षा देनी होती है। मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मी भी दुर्व्यवहार करते हैं। जांच के बहाने शारीरिक छेड़छाड़ भी की जाती है।
मंदिर समिति ने गर्भगृह में जाने के लिए 1500 रुपए की रसीद की व्यवस्था की है। जल्दी दर्शन के लिए 250 रुपये की रसीद देकर भी दर्शन किए जा सकते हैं, लेकिन आम आदमी इतना महंगा खर्च वहन नहीं कर पाता है। उसे घंटों लंबी लाइन में लगे रहना पड़ता है।
इसमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चें भी शामिल रहते हैं। लेकिन इनका अनुभव बहुत खराब रहता है। इन्हें ठीक से दर्शन भी करने नहीं दिए जाते हैं और धकेल दिया जाता है।
महाकाल मंदिर में आने वाली भक्तों की भीड़ को देखते हुए यह व्यवस्था की गई है, लेकिन सवाल यह है कि रुपयों वाला मंदिर में वीआईपी क्यों बन जाता है। इतना ही नहीं, मंदिर में तैनात पुजारी भी 'लक्ष्मी' दिखाने पर विशेष दर्शन की व्यवस्था कर देते हैं।
ब्लैक में मिलती है रसीद : महाकाल मंदिर में जब से गृर्भगृह में जाने के लिए 1500 रुपए की रसीद लेना अनिवार्य किया गया है तभी से इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं और कुछ दिन पहले तो रसीद ब्लैक करने के आरोप भी पुलिस और मंदिर के कर्मचारियों पर लग गए चुके हैं।
पुलिस और मंदिर कर्मचारी टिकटों की फेराफेरी कर रहे हैं। खबरों के अनुसार इसकी शिकायत कुछ भक्तों ने की भी थी। हालांकि मंदिर प्रशासन ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया।
क्या दिखावटी हैं व्यवस्थाएं :महाकाल लोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया, जिसका प्रसारण करोड़ों लोगों ने देखा। क्या चमक-दमक के बीच वे कमियां छुप गईं जिनसे श्रद्धालु परेशान और प्रताड़ित होते हैं। महाकाल का हर भक्त वीआईपी नहीं होता है, लेकिन श्रद्धा और विश्वास के साथ वह बाबा के दरबार जाता है। मंदिर प्रशासन को ऐसी व्यवस्था तो करनी चाहिए कि वह शांति से भोले बाबा को निहार सके।