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Last Modified: बुधवार, 20 फ़रवरी 2019 (15:21 IST)

उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को सराहा, बोले- राहुल और प्रियंका से नहीं की जा सकती तुलना...

उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को सराहा, बोले- राहुल और प्रियंका से नहीं की जा सकती तुलना... - Uddhav Thackeray praises Prime Minister Narendra Modi
मुंबई। शिवसेना ने बुधवार को कहा कि 2014 के बाद से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘विकास पुस्तिका’ में सुधार हुआ है और उन्हें उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा का भी समर्थन है लेकिन उन दोनों की तुलना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व से नहीं की जा सकती।
 
भाजपा के साथ बरसों की तकरार और इसकी नीतियों एवं नेताओं की आलोचना के बाद उसके और शिवसेना के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन होने के दो दिन बाद उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी की यह टिप्पणी आई है। 
 
सीट समझौते को लेकर विपक्ष की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा है कि गठबंधन को लेकर लोगों के दिमाग में कम लेकिन राजनीतिक विरोधियों के दिमाग में अधिक सवाल हैं क्योंकि इस गठबंधन की वजह से कीड़े-मकोड़े कुचले जाएंगे।
 
मोदी के नेतृत्व का हवाला देते हुए इसमें कहा गया है, 2014 की तुलना में राहुल गांधी की विकास पुस्तिका में सुधार हुआ है। उन्हें प्रियंका की भी मदद मिल रही है। हालांकि इसकी तुलना मोदी के नेतृत्व से नहीं की जा सकती। 
 
पार्टी के सत्ता के लिए असहाय नहीं होने का हवाला देते हुए संपादकीय में कहा गया है कि कई सवाल हैं जैसे 2014 में मतभेदों के बावजूद भाजपा के साथ क्यों रहे, क्या राम मंदिर बनेगा, क्या शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा और इन सवालों का उत्तर सकारात्मक है। इसमें कहा गया है कि गठबंधन पर सवालों का जवाब देने से बेहतर होगा कि महाराष्ट्र के लाभ के लिए बनाई गई व्यवस्था आगे ले जाई जाए।
 
मराठी दैनिक में कहा गया है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खुद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ आए। ठाकरे ने उनके सामने अपना पक्ष रखा और आखिरकार गठबंधन को एक और मौका देने का निर्णय लिया गया।
 
संपादकीय में कहा गया है कि शिवसेना और भाजपा के बीच कोई वैमनस्य नहीं है। आगे कहा गया है कि अगर (बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख) नीतीश कुमार मोदी से वैचारिक मतभेदों के बावजूद राजग से जुड़ सकते हैं और अगर कांग्रेस महागठबंधन बना सकती है तो फिर तो शिवसेना भाजपा नीत राजग का हिस्सा हमेशा ही रही है।
 
पार्टी ने कहा है कि 2014 में कांग्रेस और उसके सहयोगियों के बीच गुस्सा था और मोदी के पक्ष में लहर थी। 2019 में हालांकि यह लहर कुछ कम हो गई है और चुनाव लहर पर नहीं बल्कि विचारधारा, विकास के कार्यों तथा भविष्य के आधार पर लड़े जाएंगे।