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Last Updated : सोमवार, 4 फ़रवरी 2019 (18:09 IST)

'उड़ान' के तहत जल्द शुरू होगी हेलीकॉप्टर सेवा

Udaan Helicopter service : 'उड़ान' के तहत जल्द शुरू होगी हेलीकॉप्टर सेवा - Udaan Helicopter service will start soon
नई दिल्ली। छोटे तथा मझौले शहरों को हवाई नेटवर्क में शामिल करने के उद्देश्य से शुरू की गई सस्ते टिकट की क्षेत्रीय संपर्क योजना 'उड़ान' के तहत नियमित हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत 1 महीने में चंडीगढ़, शिमला और मंडी से हो सकती है। 'उड़ान' के दूसरे चरण में हेलीकॉप्टर सेवा के लिए मार्गों का आवंटन किया गया था।
 
हालांकि हेलीपोर्टों का निर्माण और प्रमाणन अब तक पूरा नहीं हो पाने के कारण करीब 1 साल बीत जाने के बाद भी इन मार्गों पर सेवा शुरू नहीं हो सकी है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब सरकार ने सार्वजनिक हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता पवन हंस को उन हवाई अड्डों से नियमित हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की अनुमति देने का फैसला किया है, जहां विमानों के साथ हेलीकॉप्टरों का परिचालन भी करना संभव है।
 
उन्होंने बताया कि पवन हंस को चंडीगढ़-कसौली-शिमला मार्ग पर हेलीकॉप्टर सेवा के लिए मार्ग का आवंटन किया गया था। कसौली में हेलीपोर्ट तैयार नहीं हो सका है इसलिए अब उसे 6 महीने के लिए चंडीगढ़-शिमला मार्ग पर सेवा शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। इसी प्रकार शिमला-कुल्लू-मंडी मार्ग पर कुल्लू हेलीपोर्ट तैयार नहीं होने के कारण उसे शिमला-मंडी उड़ान शुरू करने की अनुमति देने की योजना है।
 
अधिकारी का कहना है कि पवन हंस को 1 महीने के भीतर शिड्यूल कम्यूटर का लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। उसके बाद वह ये सेवाएं शुरू कर सकेगी, क्योंकि उसके पास हेलीकॉप्टर, पायलट और अन्य कर्मचारी तथा बुनियादी ढांचा पहले से मौजूद है। पवन हंस के पास नॉन कम्यूटर ऑपरेटर का लाइसेंस पहले से है।
 
हेलीपोर्टों के निर्माण तथा प्रमाणन में आ रहीं चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने हेलीपोर्टों के विकास की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया है। उसका कहना है कि वह पहले ही 50-60 हवाई अड्डों के विकास का बीड़ा उठा चुका है इसलिए अब पवन हंस और भारतीय रेल की इंजीनियरिंग कंपनी आरआईटीईएस को हेलीपोर्टों के निर्माण के लिए नई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी जाएगी, जो निर्माण का कार्य पवन हंस और आरआईटीईएस की देखरेख में करेंगी।
 
उन्होंने बताया कि हिमाचल में शिमला के पास संजोली और उत्तराखंड में सहस्रधारा, चिन्यालीसौर तथा गौचर हवाई अड्डे निर्माण के अग्रिम चरण में हैं और इनका निर्माण कार्य 2-3 महीने में पूरा हो जाएगा।