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Last Modified: बेंगलुरु , शुक्रवार, 30 जून 2023 (21:14 IST)

ट्‍विटर की याचिका खारिज, कोर्ट ने Twitter पर लगाया 50 लाख का जुर्माना

ट्‍विटर की याचिका खारिज, कोर्ट ने Twitter पर लगाया 50 लाख का जुर्माना - Twitter petition rejected, court imposes fine of 50 lakhs
50 lakh fine on Twitter: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ट्विटर इंक की उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें कंपनी ने सामग्री (कंटेंट) हटाने और ब्लॉक करने संबंधी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विभिन्न आदेशों को चुनौती दी थी। अदालत ने इसके साथ ही कहा कि कंपनी की याचिका का कोई आधार नहीं है।
 
न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की एकल पीठ ने ट्विटर कंपनी पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया और इसे 45 दिन के भीतर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने का आदेश दिया।
 
जुर्माने में देरी पर 5000 प्रतिदिन अतिरिक्त : अदालत ने फैसले के मुख्य हिस्से को पढ़ते हुए कहा कि उपरोक्त परिस्थितियों में यह याचिका आधार रहित होने के कारण कठोर जुर्माने के साथ खारिज किए जाने योग्य है और तदनुसार इसे खारिज किया जाता है। याचिकाकर्ता पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाता है, जो 45 दिन के अंदर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बेंगलुरु को देय है। यदि इसमें देरी की जाती है, तो इस पर प्रतिदिन 5,000 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लगेगा। 
 
न्यायाधीश ने ट्विटर की याचिका खारिज करते हुए कहा कि मैं केंद्र की इस दलील से सहमत हूं कि उनके पास ट्वीट को ब्लॉक करने और एकाउंट पर रोक लगाने की शक्ति है।
 
अदालत ने कहा कि फैसले में आठ सवाल तय किए गए हैं और उनमें से केवल एक सवाल का जवाब ट्विटर के पक्ष में दिया गया है, जो याचिका दायर करने के अधिकार क्षेत्र से संबंधित है, जबकि शेष सवालों का जवाब कंपनी के खिलाफ दिया गया है। इनमें सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 69-ए के इस्तेमाल के लिए दिशानिर्देश जारी करने की ट्विटर की दलील भी शामिल है।
 
न्यायाधीश ने आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने 8 प्रश्न तैयार किए हैं। पहला प्रश्न अधिकार क्षेत्र को लेकर है, जिसका उत्तर मैंने आपके पक्ष में दिया है। दूसरा प्रश्न यह है कि क्या धारा 69-ए के तहत अधिकार, विशेष तौर पर ट्वीट से संबंधित हैं या इसका विस्तार एकांउट को बंद करने तक है।
 
ट्‍विटर ने दी थी 10 आदेशों को चुनौती : ट्विटर ने दो फरवरी, 2021 से 28 फरवरी, 2022 के बीच मंत्रालय द्वारा जारी 10 अलग-अलग आदेशों को चुनौती दी थी। ट्विटर ने पहले दावा किया था कि सरकार ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट को 1,474 एकाउंट, 175 ट्वीट, 256 यूआरएल और एक हैशटैग को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है, लेकिन उसने इनमें से केवल 39 यूआरएल से संबंधित आदेशों को ही चुनौती दी थी।
 
न्यायमूर्ति दीक्षित ने विभिन्न पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद 21 अप्रैल, 2023 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसले का मुख्य हिस्सा 30 जून को सुनाया गया। (भाषा)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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