गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. terrorism destroyed in Kashmir
Written By
Last Modified: गुरुवार, 2 अगस्त 2018 (20:06 IST)

कश्मीर में आतंकी नेटवर्क तहस-नहस, आतंकियों की उम्र भी घटी

कश्मीर में आतंकी नेटवर्क तहस-नहस, आतंकियों की उम्र भी घटी - terrorism destroyed in Kashmir
नई दिल्ली। दशकों से आतंकवाद की आग में जल रहे कश्मीर में अब आतंकवाद की कमर बुरी तरह टूट गई है। यह दावा किसी सरकारी एजेंसी ने नहीं बल्कि अमेरिकी वेबसाइट न्यूयॉर्क टाइम्स ने किया है। इसके मुताबिक अब घाटी में 250 आतंकी ही बचे हैं। 
 
टाइम्स में जैफरी गेटलमैन की ‍यह रिपोर्ट इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि अब आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान उनके समर्थन में स्थानीय लोग पथराव भी करने लगे हैं। कश्मीर के बदले हालात के लिए सेना की सख्ती और रणनीति को जिम्मेदार माना जा रहा है। 
 
गौरतलब है कि जनरल बिपिन रावत के सेना की कमान संभालने के बाद यह माना जा रहा था कि वे आतंकवाद के खिलाफ सख्त रवैया अपनाएंगे। उन्होंने अपने बयान में यह जाहिर भी कर दिया था। 
 
रिपोर्ट के मुताबिक 20 साल पहले 1000 से ज्यादा होती थी, जो कि अब 250 के आसपास ही रह गई है। सुरक्षा बलों के ऑपरेशन का यह नतीजा है कि अब ज्यादातर आतंकी कश्मीर में दो साल से ज्यादा जिंदा नहीं रह पाते। 
 
हमारे जम्मू कश्मीर संवाददाता सुरेश डुग्गर भी इस रिपोर्ट की पुष्टि करते हैं। उनके अनुसार कश्मीर यूनिवर्सिटी का असिस्टेंट प्रोफेसर रफी मोहम्मद बट आतंकवाद का दामन थामने के 24 घंटे के भीतर मारा गया। जाहिद नजीर को सुरक्षाबलों ने 30 दिनों के भीतर मार गिराया, जबकि ईसा फाजली को साल के भीतर मार गिराया। सद्दाम वानी आतंकवादी के रूप में 3 साल ही जिंदा रह पाया। 
 
याद करिए आतंकवादियों का वह फोटो जिसमें कुख्यात आतंकवादी बुरहान वानी एवं अन्य आतंकी दिखाए गए। यह फोटो तब काफी सुर्खियों में आया। सुरक्षाबलों ने इन सभी आतंकियों को चुन-चुनकर मार गिराया। हालांकि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह भी आशंका जताई है कि पाकिस्तान में हुए राजनीतिक बदलाव का असर कश्मीर पर जरूर देखने को मिलेगा। रिपोर्ट में खून-खराबा बढ़ने की आशंका भी जताई है।     
 
पाकिस्तानी मदद पर रोक : इस रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर आतंकी 2 साल के भीतर ही मारे जा रहे हैं। सेना की सीमा और भीतरी इलाकों में सख्ती के चलते आतंकी संगठनों को पाकिस्तान से भी कोई मदद नहीं मिल पा रही है। साथ ही आतंकियों का सीमा पार करना भी अब आसान नहीं रहा है। 
ये भी पढ़ें
मध्यप्रदेश के 'कड़कनाथ' को मिला GI टैग, लजीज स्वाद के साथ भरपूर औषधीय गुणों वाला अनोखा काला चिकन...