दिल्ली में कम हुआ प्रदूषण, 2 दिन मिल सकती है ODD-EVEN से छूट
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेव की 550वीं जयंती के मौके पर बाधारहित यात्रा के लिए 11-12 नवंबर को वाहनों पर लगाई सम-विषम की पाबंदियों से छूट दे सकती है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को कहा कि सरकार को 12 नवंबर को गुरु नानक देव की जयंती पर सम-विषम योजना से छूट देने की मांग के साथ सिख संगठनों से अभिवेदन मिला है।
सरकार ने वायु प्रदूषण की समस्या पर लगाम लगाने के लिए 4 से 15 नवंबर के बीच सम-विषम योजना लागू करने की घोषणा की है। यह सुबह 8 से रात 8 बजे तक प्रभावी है। गहलोत ने कहा कि हमें सिख नेताओं से अभिवेदन मिला है और इस संबंध में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल हमसे मिलने आ रहा है। सरकार 11-12 नवंबर को छूट देने पर विचार कर रही है, क्योंकि दोनों दिन धार्मिक कार्यक्रम होंगे।
उन्होंने कहा कि बुधवार को योजना के तीसरे दिन कार चालकों द्वारा इस नियम का पालन न करने के ज्यादा मामले सामने नहीं आए। शहर में 2 दिन बाद स्कूल खुले थे लेकिन किसी भी मुद्दे के बारे में किसी से भी कोई शिकायत नहीं मिली।
मंत्री ने बताया कि यातायात पुलिस, परिवहन और राजस्व विभाग की टीमों ने दोपहर 2 बजे तक कुल 376 चालान जारी किए। यह संख्या बढ़ने की संभावना है, क्योंकि सम-विषम नियम रात 8 बजे तक लागू हैं। बुधवार को फिर से स्कूल खुलने पर अभिभावकों ने पूछा कि क्या वर्दी में छात्रों को ले जा रही कारों के लिए छूट होगी?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्कूली बच्चों को ले जाने वाले वाहनों को छूट मिलेगी। हालांकि उन्होंने माना कि इस संबंध में थोड़ा भ्रम है और वाहनों को भरोसे के आधार पर छूट दी जाएगी कि उनका केवल स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने के लिए इस्तेमाल हुआ। उन्होंने कहा कि लोगों ने इस बार काफी अच्छे तरीके से सम-विषम योजना को स्वीकार किया है और उनके सोशल मीडिया पोस्ट दिखाते हैं कि वे खुश हैं कि शहर की सड़कों पर कम भीड़भाड़ है।
उन्होंने कहा कि कम गाड़ियों से प्रदूषण कम करने में भी मदद मिली, क्योंकि व्यर्थ में यातायात जाम में फंसने से वाहनों से सल्फर डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन अधिक होता है। वायु गुणवत्ता में सुधार आया है और हम यह नहीं कहते कि यह केवल सम-विषम के कारण हुआ लेकिन प्रदूषण को कम करने में इसका भी योगदान है। दिल्ली सरकार ने कहा कि सम-विषम योजना के कारण हर दिन सड़कों पर कुल 30 लाख में से करीब 15 लाख वाहन कम रहे।