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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 3 सितम्बर 2024 (20:00 IST)

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, क्या राजनयिकों के सामान की जांच हो सकती है?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, क्या राजनयिकों के सामान की जांच हो सकती है? - Supreme Court questions Centre on checking diplomats' luggage
Supreme Court questions Centre: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मंगलवार को केंद्र से जानना चाहा कि क्या राजनयिकों के सामानों की भारत में स्कैनिंग की जा सकती है या उन्हें तलाशी से छूट प्राप्त है? न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एस वी राजू से यह प्रश्न पूछा जिन्होंने इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए समय मांगा है।
 
पीठ ने मामले की सुनवाई 3 सप्ताह बाद के लिए स्थगित करते हुए एएसजी से कहा कि विचारणीय प्रश्न यह है कि क्या भारत सरकार राजनयिकों के सामानों को स्कैन कर सकती है? क्या ऐसा किया जा सकता है? क्या इसमें छूट है या नहीं? इसकी प्रक्रिया क्या है? राजू ने कहा कि वे इस मुद्दे पर निर्देश मांगेंगे और तब अदालत आएंगे।

 
एएसजी ने कहा कि प्रथम दृष्टया अगर किसी अपराध के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है तो ऐसा हो सकता है और यह राजनयिक बैगेज (राजनयिकों का सामान) नहीं रहता। शीर्ष अदालत प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें सोना तस्करी मामले में मुकदमे को केरल से कर्नाटक स्थानांतरित करने की मांग की गई है और दावा किया गया है कि मामले में राज्य में 'निष्पक्ष और स्वतंत्र सुनवाई' संभव नहीं है।

 
ईडी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि आरोपियों और केरल सरकार के शीर्ष अधिकारियों तथा पदाधिकारियों के बीच करीबी सांठगांठ है। मामले की प्रमुख आरोपी तिरुवनंतपुरम में यूएई के वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 11 जुलाई, 2020 को बेंगलुरु से एक अन्य आरोपी संदीप नायर के साथ हिरासत में लिया था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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