SBI की 24 घंटे OTP आधारित ATM निकासी सुविधा जल्द होगी शुरू
मुंबई। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने मंगलवार को कहा कि उसके एटीएम पर 10 हजार रुपए और उससे अधिक के लेनदेन के लिए ओटीपी आधारित नकद निकासी सुविधा 18 सितंबर से 24 घंटे उपलब्ध होगी। बैंक ने इस साल जनवरी में अपने एटीएम पर 10 हजार रुपए और इससे अधिक के लेनदेन के लिए ओटीपी आधारित निकासी सुविधा रात 8 बजे से सुबह 8 बजे के बीच शुरू की थी।
बैंक ने एक बयान में कहा कि 10 हजार रुपए और इससे अधिक की राशि की निकासी के लिए बैंक के डेबिट कार्डधारकों को अपने कार्ड पिन के साथ ही उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी को दाखिल करना होगा। ऐसा उन्हें प्रत्येक लेनदेन के लिए करना होगा।
बैंक के प्रबंध निदेशक (खुदरा और डिजिटल बैंकिंग) सीएस सेट्टी ने कहा कि 24 घंटे ओटीपी आधारित एटीएम निकासी सुविधा से एसबीआई ग्राहकों को सुरक्षित और जोखिम रहित निकासी का अनुभव होगा। बयान के मुताबिक, इस सुविधा से एसबीआई डेबिट कार्डधारकों को धोखेबाजी से बचने में मदद मिलेगी।
बैंक ने अपने सभी ग्राहकों से मोबाइल नंबरों को पंजीकृत करने या अपडेट करने का आग्रह किया है। बैंक ने कहा कि ओटीपी आधारित नकद निकासी की सुविधा केवल एसबीआई के एटीएम में उपलब्ध है। दूसरे एटीएम में यह सुविधा विकसित नहीं की गई है।
ग्राहक प्राप्त कर सकेंगे 'क्रेडिट स्कोर' की जानकारी : एसबीआई कार्ड के प्रबंध निदेशक और सीईओ अश्विनी कुमार तिवारी ने कहा कि कंपनी अपने ग्राहकों को उनके ‘क्रेडिट स्कोर’ देखने की सुविधा उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। ग्राहक इस सुविधा के तहत अपने क्रेडिट कार्ड खातों पर ‘लॉग इन’ करके ‘क्रेडिट स्कोर’ देख सकेंगे।
तिवारी ने पिछले महीने एसबीआई कार्ड का पदभार संभाला। इससे पहले वे भारतीय स्टेट बैंक के न्यूयॉर्क, शिकागो और लॉस एंजिलिस शाखाओं की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उन्होंने कहा, अमेरिका में काम करने के दौरान जो अनुभव हुआ, उसमें से दो-तीन चीजें यहां लागू की जा सकती हैं।
तिवारी ने कहा, एक चीज क्रेडिट कार्डधारकों के लिए क्रेडिट ब्यूरो स्कोर का प्रावधान है। जब भी कार्डधारक अपने खाते पर ‘लॉग इन’ करेंगे, वह क्रेडिट स्कोर देख सकेंगे। यह अमेरिका में काफी सामान्य है। इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता।उन्होंने कहा, मैंने इस बारे में अपनी टीम से चर्चा की है।
उन्होंने कहा कि इसे लागू किया जा सकता है। हम अभी इसके तौर-तरीकों पर काम कर रहे हैं। इससे कार्डधारक किसी भी समय यह पता लगा सकेंगे कि क्रेडिट ब्यूरो के स्कोर की प्रवृत्ति क्या है। यह एक ग्राहक अनुकूल पहल है, जिसे हम जल्दी ही क्रियान्वित करेंगे। तिवारी ने कहा कि दूसरी चीज ‘को-ब्रांडेड’ है जहां कार्ड कंपनियां और बैंक किसी योजना को लेकर गठजोड़ करती हैं जिसे खुदरा कंपनियां चलाती हैं।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमें इस दिशा में भी काम करना चाहिए।उन्होंने कहा कि अमेरिका में अगर कोई खुदरा दुकान से सामान खरीदता है और उसके पास कार्ड नहीं है तो वह उसे उपलब्ध कराने के लिए कह सकता है। अगर व्यक्ति सहमत होता है, वे उससे केवल सामाजिक सुरक्षा संख्या पूछेंगे और ग्राहक का यदि ‘क्रेडिट स्कोर’ अच्छा है, उसे 5 से 10 मिनट में कार्ड जारी कर देंगे।
हो सकता है कार्ड बाद में आए लेकिन नंबर पता चल जाता है। संबंधित व्यक्ति उसके जरिए खरीद का लाभ उठा सकता है। तिवारी ने कहा, हमें इस दिशा में काम करना चाहिए ताकि खुदरा दुकानदारों के पास से प्वाइंट ऑफ सेल पर कार्ड जारी किया जा सके।उन्होंने कहा कि एसबीआई कार्ड और पेमेंट सर्विसेज ‘को-ब्रांडेड’ खंड में पहले से है। उसके इस प्रकार के 14 गठजोड़ है लेकिन कंपनी इसका विस्तार करना चाहती है।
तिवारी ने यह भी कहा कि अमेरिका के मुकाबले भारत में भुगतान संबंधी ढांचागत सुविधा काफी आगे है।अमेरिका में हाल में तत्काल भुगतान सेवा शुरू हुई है जबकि भारत में पहले से यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) काम कर रही है।(भाषा)