Sanskriti Jain IAS: कौन हैं शाही फेयरवेल पाने वाली IAS अधिकारी, सहकर्मियों ने पालकी में बैठा कर बेटी की तरह किया विदा
Sanskriti Jain IAS farewell party: हाल ही में, मध्य प्रदेश में एक आईएएस अधिकारी की विदाई चर्चा का विषय बन गई। सहकर्मियों और स्थानीय प्रशासन ने सिवनी जिले की कलेक्टर संस्कृति जैन को पालकी में बैठाकर विदाई दी। यह अनोखी विदाई इतनी भावुक और सम्मानजनक थी कि इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो गया। सोशल मीडिया पर viewers ऐसी भावभीनी विदाई देख अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
शाही विदाई के दौरान पालकी में बैठकर किया सम्मान: सिवनी जिले में कलेक्टर के रूप में अपने सफल 15 महीने के कार्यकाल के बाद, आईएएस संस्कृति जैन का तबादला भोपाल नगर निगम आयुक्त के रूप में हो गया। उनकी विदाई कार्यक्रम में उनके सहकर्मियों और कर्मचारियों ने उन्हें 'बेटी' के समान सम्मान देते हुए एक सुसज्जित सुनहरी पालकी में बैठाया। पालकी को उनके सहयोगियों ने कंधा दिया, जबकि उनकी दो छोटी बेटियां भी उनके साथ थीं। संगीत, जयकारे और फूलों की वर्षा के बीच यह विदाई समारोह प्रशासनिक कार्य के प्रति उनके समर्पण का भावुक प्रमाण बन गया।
कार्यकाल की उपलब्धियां : अपने 15 महीने के कार्यकाल में, जैन ने कई जन कल्याणकारी पहल शुरू की, जिसमें सामुदायिक भागीदारी से प्राथमिक स्कूलों को डेस्क और बेंच उपलब्ध कराना तथा लाड़ली बहना योजना को अटल पेंशन योजना से जोड़ना शामिल है, जिसने उन्हें स्थानीय लोगों और कर्मचारियों के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया।
मध्य प्रदेश कैडर में आईएएस के 2015-बैच में शामिल होने के बाद से ही संस्कृति जैन ने कई प्रमुख प्रशासनिक भूमिकाएं निभाई हैं, जिनमें रीवा नगर निगम के आयुक्त, सतना के अतिरिक्त कलेक्टर, मऊगंज के एसडीएम और अलीराजपुर और नर्मदापुरम में जिला पंचायतों के सीईओ शामिल हैं।
व्यक्तिगत जीवन, शिक्षा और परिवार: आईएएस संस्कृति जैन का व्यक्तिगत और शैक्षिक सफर भी काफी प्रेरणादायक रहा है। 14 फरवरी 1989 को श्रीनगर में जन्मी जैन एक मजबूत वायु सेना पृष्ठभूमि वाले परिवार में पली-बढ़ीं। उनके पिता एक लड़ाकू पायलट थे और उनकी मां मेडिकल डिवीजन में कार्यरत थीं। वायुसेना के परिवार से आने के कारण, संस्कृति जैन का बचपन देश के छह अलग-अलग स्कूलों में पढ़ने और देश के विभिन्न हिस्सों में घूमने में बीता। BITS पिलानी से स्नातक होने के बाद, उन्होंने शुरू में पीएचडी करने का विचार किया था।
हालांकि, एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू की। उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही परीक्षा पास कर ली, लेकिन उन्हें IRS मिली। दूसरे प्रयास में भी वह सफल रहीं, और अंततः अपने तीसरे प्रयास में, उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 11 हासिल कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रवेश किया। उनके वैकल्पिक विषय दर्शनशास्त्र में उन्हें उस वर्ष सबसे अधिक अंक प्राप्त हुए थे। उनके पति भी अखिल भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं।