'अग्निपथ' योजना के लिए भर्ती प्रक्रिया 24 जून से, युवाओं का विरोध जारी
नई दिल्ली। सेना की 'अग्निपथ' योजना का देशभर में विरोध चल रहा है। इस बीच, वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि 24 जून से इसके लिए भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी।
एयर मार्शल चौधरी ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत ऊपरी उम्र सीमा बढ़ाए जाने से युवाओं के बड़े हिस्से को 'अग्निवीर' के तौर पर शामिल किया जा सकेगा।
इस बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों में भर्ती की अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं की चिंताओं को दूर करने के प्रयास किया। उन्होंने कहा कि नई योजना भारत के युवाओं को देश की रक्षा व्यवस्था से जुड़ने और देश सेवा करने का सुनहरा अवसर है।
उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अपील की कि वे इसकी तैयारी में जुट जाएं। अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले दो दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच राजनाथ ने सिलसिलेवार ट्वीट कर छात्रों से संवाद किया और उनकी चिंताएं दूर करने की कोशिश की।
राजनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित की गई अग्निपथ योजना भारत के युवाओं को देश की रक्षा व्यवस्था से जुड़ने और देश सेवा करने का सुनहरा अवसर है। पिछले दो वर्षों से सेना में भर्ती की प्रक्रिया नहीं होने के कारण बहुत से युवाओं को सेना में भर्ती होने का अवसर नहीं मिल सका था।
हालांकि योजना के खिलाफ युवाओं का आंदोलन अभी थमा नहीं है। इसे देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे ने 35 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। प्रदर्शन की वजह से 200 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुईं।
योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बिहार में 3 ट्रेनों के 28 डिब्बों में आग लगा दी। इसी तरह यूपी, कर्नाटक और तेलंगाना में भी ट्रेनों में आगजनी की खबरे हैं। हालांकि आग पर तुरंत काबू पा लिया गया और ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
प्रदर्शन का सबसे अधिक प्रभाव पूर्व मध्य रेलवे पर पड़ा है जिसके अंतर्गत बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई हिस्से आते हैं। इन राज्यों में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन देखा गया है। ऐसे में पूर्व मध्य रेलवे ने प्रदर्शन के कारण आठ ट्रेनों के परिचालन की निगरानी करने का फैसला भी किया है।
अधिकारियों ने बताया कि वे इन ट्रेनों की आवाजाही पर नजर रख रहे हैं और स्थिति के हिसाब से उनके परिचलान के संबंध में निर्णय लेंगे।गौरतलब है कि इस नई योजना के तहत थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती चार साल के लिए संविदा आधार पर की जाएगी और इन्हें अग्निवीर नाम दिया जाएगा।