नीतीश ने छोड़ा साथ, लालू परिवार पर ED का शिकंजा, क्या पुर्णिया में चुप्पी तोड़ेंगे राहुल गांधी?
Bihar Politics : कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को बिहार में अपनी पहली रैली के जरिये विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) को, मजबूत करने की कोशिश करेंगे। भारत जोड़ो यात्रा के बिहार आने से ठीक पहले नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए। राहुल के बिहार पहुंचते ही लालू परिवार की भी मुश्किलें बढ़ गई। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वे पुर्णिया में होने वाली रैली में अपने चुप्पी तोड़ेंगे।
राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का बिहार में आज दूसरा दिन हैं और इस मौके पर पूर्णिया जिले में उनकी रैली आयोजित होने जा रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग में शामिल हो जाने से लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया को बड़ा झटका लगा है। अपनी यात्रा के पहले दिन सोमवार को गांधी ने बिहार के किशनगंज जिले में प्रवेश करते हुए निकटवर्ती अररिया में रात्रि प्रवास किया।
बिहार में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान के अनुसार, रैली को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा इंडिया के अन्य घटक दलों के नेताओं को भी रैली के लिए आमंत्रित किया गया है। पार्टी के युवा नेता और प्रखर वक्ता कन्हैया कुमार के भी इस रैली में मौजूद रहने की संभावना है।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के अनुसार, 'लालू और उनके बेटे तेजस्वी यादव दोनों रैली में शामिल होते, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ईडी द्वारा उन्हें भेजा गया समन उनकी पूर्णिया यात्रा को टालने के लिए ही था।'
प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को पटना स्थित कार्यालय में लालू प्रसाद से करीब 9 घंटे तक पूछताछ की। 70 वर्षीय लालू प्रसाद कई बीमारियों से पीड़ित हैं। ईडी ने उनसे 50 सवालों के जवाब मांगे हैं।
जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू प्रसाद के अलावा उनके बेटे एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी को भी आरोपी बनाया गया है। उन्हें मंगलवार को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) के राज्य सचिव कुणाल ने पूर्णिया में होने वाली कांग्रेस की रैली में अपनी पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य के शामिल होने की पुष्टि की है।
राहुल गांधी बिहार में आखिरी बार पिछले साल नीतीश कुमार द्वारा आयोजित भाजपा के विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेने आये थे। गांधी ने जद-यू अध्यक्ष की सीधी आलोचना करने से परहेज किया है।
हालांकि गांधी के करीबी एवं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को कुमार पर निशाना साधा था और दावा किया था कि इंडिया गठबंधन से उनका बाहर निकलना सभी घटक दलों के लिए राहत की बात है और उनके जाने से विपक्षी गठबंधन के कई नेता राहत की सांस ले रहे हैं।
नीतीश कुमार ने रविवार को अचानक पाला बदलते हुए राजग में वापसी की तथा भाजपा के साथ प्रदेश में नई सरकार बना ली है। इस बीच कई मीडिया खबरों में दावा किया गया है कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के संयोजक पद को लेकर राहुल गांधी से खासे नाराज थे और 13 जनवरी को ही गठबंधन से अलग होने का फैसला कर चुके थे।
Edited by : Nrapendra Gupta