गुरुवार, 10 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Prime Minister Narendra Modi met Jagadguru Rambhadracharya in Chitrakoot
Written By
Last Modified: चित्रकूट (मप्र) , शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2023 (23:18 IST)

कुछ लोगों ने गुलामी की मानसिकता को आगे बढ़ाया : मोदी

चित्रकूट में पीएम ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के योगदान की सराहना की

Narendra Modi
Narendra Modi News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने इसके निर्माण में हिंदू आध्यात्मिक धर्मगुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य के योगदान की सराहना की।
 
मध्य प्रदेश के चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य की तुलसी पीठ में एक सार्वजनिक समारोह में बोलते हुए मोदी ने देश में संस्कृत भाषा को मजबूत करने के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कृत न केवल परंपराओं की भाषा है, बल्कि यह हमारी प्रगति और पहचान की भी भाषा है।
 
प्रधानमंत्री ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा दिए गए आमंत्रण का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस राम मंदिर के लिए आपने (जगद्गुरु रामभद्राचार्य) अदालत के अंदर और बाहर इतना योगदान दिया है, वह भी तैयार होने जा रहा है। स्वामी जी के राष्ट्रवादी और सामाजिक पहलुओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने नौ प्रमुख राजदूतों में से एक के रूप में स्वच्छ भारत अभियान में उनके सक्रिय योगदान को याद किया।
 
तीन पुस्तकों का विमोचन : मोदी ने जगद्गुरु रामानंदाचार्य के विशाल ज्ञान और योगदान का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्धिमत्ता का यह स्तर कभी व्यक्तिगत नहीं होता, यह बुद्धिमत्ता राष्ट्रीय निधि है। इस अवसर पर उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा लिखित तीन पुस्तकों - अष्टाध्यायी भाष्य, रामानंदाचार्य चरितम और भगवान श्री कृष्ण की राष्ट्रलीला का विमोचन किया।
 
मोदी ने कहा कि स्वच्छता, स्वास्थ्य और स्वच्छ गंगा जैसे राष्ट्रीय लक्ष्य अब साकार हो रहे हैं। हजारों साल पुराने गुलामी के दौर में भारत की संस्कृति और विरासत को नष्ट करने के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने संस्कृत भाषा से अलगाव का जिक्र किया।
 
उन्होंने उस गुलामी की मानसिकता की ओर इशारा किया, जिसे कुछ व्यक्तियों द्वारा आगे बढ़ाया गया, जिसके परिणामस्वरूप संस्कृत के प्रति वैर-भाव पैदा हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने उस मानसिकता पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा को जानना विदेशों में सराहनीय माना जाता है, लेकिन यही बात भारत में मान्य नहीं है।
 
प्रधानमंत्री ने यह भी विश्वास जताया कि चित्रकूट विकास की नई ऊंचाइयों को छूएगा। तुलसी पीठ, चित्रकूट में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्थान है, जिसकी स्थापना 1987 में जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा की गई थी और यह हिंदू धार्मिक साहित्य के अग्रणी प्रकाशकों में से एक है।
 
दिन की शुरुआत में चित्रकूट पहुंचने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रसिद्ध रघुबीर मंदिर में पूजा-अर्चना की और उद्योगपति दिवंगत अरविंद भाई मफतलाल के जन्म शताब्दी समारोह में लोगों को संबोधित किया। (भाषा)
ये भी पढ़ें
इमरान खान को मौत का डर, धीमा जहर देकर की जा सकती है हत्या