राष्ट्रपति ने की चौ. हरमोहन सिंह की सराहना, 84 के दंगों में सिखों की बचाई थी जान
कानपुर। कानपुर के 2 दिवसीय दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मेहरवान सिंह पुरवा गांव में आयोजित सपा नेता हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह में पहुंचे। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मौके पर मौजूद लोगों को मंच से संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की नींव अतीत के अनुभव और पूर्वजों की विरासत से मजबूती प्राप्त करती है। एक सुदृढ़, यशस्वी, विकसित और समृद्ध भारत के निर्माण में हम सबकी सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले यह चौधरी का पुरवा था यानी वहां सीमित संख्या में लोग थे लेकिन अब वो पुरवा टाउनशिप बन गया है। इसके लिए मैं हरमोहन सिंह के परिवार को बधाई देता हूं। हरमोहनजी के जन्म शताब्दी समारोह के बारे में मुझे सुखराम यादव ने बताया। उन्होंने ही मुझे आमंत्रित किया। चौधरी साहब 40 वर्ष से ज्यादा तक राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने जनता के लिए ऐतिहासिक कार्य किए जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। जान की परवाह किए बगैर जिस तरह से उन्होंने सिख समुदाय के लोगों की रक्षा की, उसे देश कभी भूल नहीं सकता।
उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि मैं हरमोहन सिंहजी की सादगी और उनके समाज सुधार के कामों से परिचित रहा हूं। राज्यसभा में भी मैं उनके साथ रहा हूं। विधानसभा से लेकर राज्यसभा तक चौधरी साहब के विचारों को गंभीरता से सुना जाता था। उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए 1984 के दंगों में सिखों की जान बचाई थी। 1991 में उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
शहीदों को किया याद : राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव भी इसलिए मनाया जा रहा कि स्वतंत्रता की लड़ाई के गुमनाम सेनानियों का शौर्य याद किया जा सके। अनेक सेनानियों के नाम इतिहास के पन्नों में गुम हो गए हैं। लोग नानाराव पेशवा, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई के नाम से वाकिफ हैं लेकिन अजिजनबाई और मैनावती का योगदान लोगों को नहीं पता। चंद्रशेखर आजाद के जुड़ाव को सब जानते हैं लेकिन कानपुर के जयदेव कपूर और शिव वर्मा के बारे में कम ही लोग जानते हैं। हमें अपनी युवा पीढ़ी को इन क्रांतिकारियों के बारे में बताना होगा, तभी अमृत महोत्सव सफल होगा।