शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Prashant Kishor Nitish Kumar calls him mentally unfit
Last Updated :पटना , मंगलवार, 1 अक्टूबर 2024 (21:01 IST)

Bihar : नीतीश कुमार को लेकर प्रशांत किशोर ने बताया 'कड़वा' सच, क्या JDU में मचेगी हड़कंप

कांग्रेस जैसा होगा जेडीयू का हश्र

Bihar : नीतीश कुमार को लेकर प्रशांत किशोर ने बताया 'कड़वा' सच, क्या JDU में मचेगी हड़कंप - Prashant Kishor Nitish Kumar calls him mentally unfit
राजनीतिक रणनीतिकार से सक्रिय राजनीति में उतरने की तैयारी कर रहे प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने मंगलवार को कहा कि "शारीरिक और मानसिक रूप से" स्वस्थ नहीं होने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का समर्थन करने के लिए बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का वही हश्र होगा, जो राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) को "जंगल राज" लागू करने में मदद के लिए कांग्रेस का हुआ था।
दोनों गठबंधनों को उखाड़ फेकेंगे
प्रशांत किशोर ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि बिहार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बदलाव के लिए तैयार है। राज्य में कई राजनीतिक पार्टियों की मौजूदगी के बीच अपनी नई पार्टी के भविष्य को लेकर किए जा रहे सवालों को खारिज करते हुए किशोर ने दावा किया कि लोग दोनों प्रतिद्वंद्वी गठबंधनों को उखाड़ फेंकेंगे, जिन्होंने 30 साल से अधिक समय तक राज्य को सबसे गरीब और पिछड़ा बना कर रखा है, ताकि उनकी (किशोर की) पार्टी को 243 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण बहुमत मिल सके।
 
जन सुराज अभियान 
प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान को दो अक्टूबर को एक राजनीतिक दल का रूप दिया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या वह चुनाव लड़ेंगे या पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनेंगे, किशोर ने कहा कि यह उन पार्टी के नेताओं को तय करना है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि उनका चुनाव लड़ना अच्छा होगा, तो वे लड़ेंगे।’’
 
भाजपा पर निशाना साधते हुए किशोर ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए बिहार को परेशानी में डाल दिया है क्योंकि उसे केंद्र में सत्ता के लिए जद (यू) सांसदों के समर्थन की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि हर कोई जानता है कि नीतीश कुमार अपनी राजनीति के आखिरी दौर में हैं और अब उनके नाम पर चुनाव नहीं जीते जा सकते। उन्होंने कहा कि ‘‘उनके समर्थक भी जानते हैं कि उनकी वर्तमान शारीरिक, मानसिक और राजनीतिक स्थिति में वह किसी भी तरह से बिहार जैसे राज्य को चलाने की स्थिति में नहीं हैं।
किशोर ने कहा कि यह नतीजों में परिलक्षित होगा। भाजपा को उसकी करनी का फल भुगतना होगा। कांग्रेस ने लालू प्रसाद को 15 साल तक 'जंगल राज' चलाने में मदद की। बिहार की जनता ने कांग्रेस को पूरी तरह से उखाड़ फेंका। भाजपा का भी वही हश्र होगा।
 
उन्होंने कहा कि भाजपा की मजबूरी है कि दिल्ली में अपनी सरकार कायम रखने के लिए उसे बिहार में कुमार को सत्ता में बनाए रखना है। उन्होंने कहा, "भाजपा को पता है कि अगर वह (नीतीश कुमार) सत्ता में रहे तो उसका गठबंधन हार जाएगा, लेकिन यह भाजपा की राजनीतिक मजबूरी है।"
 
बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नीतीश कुमार के शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं होने के उनके दावों के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने राज्य के कई ज्वलंत मुद्दों पर कुमार की चुप्पी का हवाला दिया। इस क्रम में उन्होंने बाढ़, भूमि सर्वेक्षण और स्मार्ट मीटर विवाद आदि मुद्दों का जिक्र किया।
 
किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के बारे में उनका आकलन सार्वजनिक जीवन से मुख्यमंत्री की अपेक्षाकृत अनुपस्थिति पर आधारित है। उन्होंने कहा, "बिहार में एक बड़ा वर्ग सोच रहा है कि क्या नीतीश कुमार बिहार का नेतृत्व करने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं।"
 
जद यू को उखाड़ फेकेंगे
जद (यू) ने अक्सर जोर दिया है कि उसके नेता (नीतीश कुमार) बिहार में सुशासन का चेहरा हैं और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के चेहरे के रूप में राज्य का नेतृत्व करते रहेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि नीतीश कुमार अगले विधानसभा चुनाव में राजग का नेतृत्व करेंगे, किशोर ने दावा किया कि जद (यू) नेता का करियर खत्म होने वाला है और 2020 के चुनावों में भी लोगों ने यही संदेश दिया था, जब जद (यू) केवल 42 सीटें जीत सकी थी और वह भाजपा (74) और मुख्य विपक्षी पार्टी राजद (75) से काफी पीछे थी।
 
भाजपा पर कटाक्ष करते हुए किशोर ने कहा कि वह देश भर में अन्य दलों को येन-केन-प्रकारेण तोड़ती है, लेकिन जद (यू) सांसदों की जरूरत के कारण विधानसभा में अधिक सीटें होने के बावजूद उसने बिहार पर कुमार को "थोपने" का विकल्प चुना है।
 
बताया पदयात्रा का मकसद
अपनी पार्टी की संभावनाओं के बारे में भरोसा जताते हुए किशोर ने कहा कि लोगों ने विकल्पहीनता के कारण बिहार में दो मुख्य गठबंधनों में से किसी एक को वोट दिया। उन्होंने जोर दिया कि उनकी दो साल की पदयात्रा का मकसद बदलाव के लिए अनुकूल माहौल बनाना है।
 
किसी पार्टी से नहीं मिलाएगी हाथ
उन्होंने दावा किया कि लोग जाति, धर्म और मंदिर-मस्जिद मुद्दे से ऊपर उठकर अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करेंगे और जन सुराज बदलाव का वह माध्यम होगा।" उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा और वह किसी अन्य गठबंधन से हाथ नहीं मिलाएगी।  इनपुट भाषा
ये भी पढ़ें
UP: बलिया में 14 वर्षीय किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार