Chief Minister Nitish Kumar inspected the flood affected area : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को सड़क मार्ग से पटना के आसपास गंगा नदी के बढ़ते हुए जल स्तर का जायजा लिया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार इस दौरान नीतीश ने जेपी गंगा पथ के दीघा घाट से कंगन घाट तक गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जल संसाधन विभाग पूरी तरह मुस्तैद रहे और लगातार निगरानी करते रहे।
मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के क्रम में जेपी गंगा पथ के कंगन घाट, गांधी घाट एवं कृष्णा घाट पर रुककर गंगा नदी के आसपास के इलाकों की स्थिति को देखा और अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने निरीक्षण के क्रम में अशोक राजपथ को जेपी गंगा पथ से मिलाने वाले कृष्णा घाट पर निर्माणाधीन पहुंच पथ की भी जानकारी ली और तेजी से निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।
नीतीश ने गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के निरीक्षण के दौरान पटना के जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि गंगा नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह सतर्क रहें और सारी तैयारी पूर्ण रखें, स्थिति की लगातार समीक्षा करते रहें और आवश्यक पड़ने पर त्वरित कार्रवाई करें।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री गांधी सेतु होते हुए वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर पहुंचे तथा हाजीपुर में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों से बातचीत कर वहां की व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली।
उन्होंने बाढ़ राहत शिविर में वैशाली के जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि सभी राहत शिविरों में रह रहे लोगों की सुविधाओं का ख्याल रखें और स्थिति की निरंतर निगरानी करते रहें। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जल संसाधन विभाग पूरी तरह मुस्तैद रहे और लगातार निगरानी करते रहे, निचले इलाकों में जहां पानी बढ़ रहा है, संभावित परिस्थितियों पर पूरी नजर रखें और जिलाधिकारी लगातार निगरानी करते रहें।
उन्होंने कहा कि अभियंतागण पूरी तरह सतर्क रहें और वरीय पदाधिकारी स्थल पर कैंप करते रहें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत अनुश्रवण करते रहें कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो। बाढ़ की स्थिति में प्रभावितों को मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार पूरी सहायता उपलब्ध कराई जाए, सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सभी जिलों एवं संबद्ध विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं जिसका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि नाव संचालन, पॉलिथिन शीट्स, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स/ फूड पैकेट्स, जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि के संबंध में पूरी व्यवस्था रखें ताकि लोगों को तुरंत राहत पहुंचाई जा सके।
निरीक्षण के दौरान बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार और कुमार रवि सहित अन्य अधिकारीगण एवं जल संसाधन विभाग के अभियंतागण मौजूद थे।
बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार राज्य में गंगा नदी के किनारे बसे करीब 11 जिलों के निचले इलाके हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों में जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले करीब 5.35 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इन 11 जिलों की कुल 259 ग्राम पंचायतें प्रभावित हैं। भोजपुर और पटना में सबसे ज्यादा 43-43 पंचायतें हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित हुई हैं।(भाषा) फोटो सौजन्य : यूएनआई
Edited By : Chetan Gour