मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां राजभवन में स्वतंत्रता संग्राम के दिग्गजों को समर्पित एक संग्रहालय 'क्रांतिकारियों की गैलरी' का अनावरण किया तथा कहा कि महाराष्ट्र ने सामाजिक क्रांति से लेकर स्वशासन तक कई क्षेत्रों में देश को प्रेरित किया है।
प्रधानमंत्री ने इतिहास का जिक्र करते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर मुख्य संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर तक महाराष्ट्र से जुड़ीं विभिन्न प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला तथा उनके योगदान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगर हम सामाजिक क्रांतियों की बात करें तो जगद्गुरु संतश्री तुकाराम महाराज से लेकर बाबा साहेब आंबेडकर तक समाज सुधारकों की एक बहुत समृद्ध विरासत है।
महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल सी. विद्यासागर राव के कार्यकाल के दौरान अगस्त 2016 में राजभवन में एक भूमिगत तहखाना मिला था। तहखाने में गैलरी स्थापित की गई है। यह गैलरी प्रथम विश्वयुद्ध के पूर्व ब्रिटिशकाल के 13 बंकरों के भूमिगत नेटवर्क में बनाई गई है। गैलरी में स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों, आंदोलन में उनकी भूमिका, मूर्तियां, दुर्लभ तस्वीरें, भित्तिचित्र और आदिवासी क्रांतिकारियों पर स्कूली बच्चों द्वारा तैयार किए गए विवरण शामिल हैं।
मोदी ने कहा कि बंकर, जिनके बारे में वर्षों से किसी को नहीं पता था और जिनका भारतीय क्रांतिकारियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता था, अब उनके नाम के साथ एक गैलरी है। महाराष्ट्र ने तो अनेक क्षेत्रों में देश को प्रेरित किया है। अगर हम सामाजिक क्रांतियों की बात करें तो जगद्गुरु संतश्री तुकाराम महाराज से लेकर बाबा साहेब आंबेडकर तक समाज सुधारकों की एक बहुत समृद्ध विरासत है।
मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में संत ज्ञानेश्वर, संत नामदेव, समर्थ रामदास, संत चोखामेला जैसे संतों ने देश को ऊर्जा दी है। अगर स्वराज्य की बात करें तो छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति सांभाजी महाराज का जीवन आज भी हर भारतीय में राष्ट्रभक्ति की भावना को और प्रबल कर देता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुंबई सपनों की नगरी है, लेकिन महाराष्ट्र में कई शहर हैं, जो 21वीं सदी में देश के विकास केंद्र बनने जा रहे हैं। उन्होंने क्रांतिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानी की एकमात्र इच्छा थी कि उनकी अस्थियों को स्वतंत्र भारत में लाया जाए। वर्मा के निधन के 74 साल बाद 2003 में उनकी अस्थियां भारत लाने का मौका मिला। वर्मा ने लंदन में 'इंडिया हाउस' की स्थापना की और विदेश में रहे थे।
प्रधानमंत्री ने बाल गंगाधर तिलक, चापेकर बंधुओं, वासुदेव बलवंत फड़के और मैडम भीकाजी कामा जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों के बहुस्तरीय योगदान का भी जिक्र करते कहा कि भारत का स्वतंत्रता संग्राम भारत के साथ-साथ विश्व स्तर पर भी फैला था। मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम के वैश्विक स्तर का जिक्र करते हुए गदर पार्टी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस नीत आजाद हिंद फौज और श्यामजी कृष्ण वर्मा के इंडिया हाउस का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि जब भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की बात होती है तो जाने-अनजाने चर्चा कुछ घटनाओं तक ही सीमित रह जाती है। भारत की आजादी में अनगिनत लोगों की तपस्या और उनकी मेहनत शामिल है और स्थानीय स्तर पर कई घटनाओं का सामूहिक प्रभाव राष्ट्रीय स्तर पर महसूस किया गया।
इस मौके पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के पुनर्निर्मित आधिकारिक आवास 'जल भूषण' भवन का भी उद्घाटन किया।
जल भूषण 1885 से ही महाराष्ट्र के राज्यपाल का आधिकारिक निवास रहा है। उसका जीवनकाल पूरा हो जाने पर उसे ध्वस्त कर दिया गया था और उसके स्थान पर एक नए भवन की मंजूरी दी गई थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अगस्त 2019 में नए भवन की नींव रखी थी। पुराने ढांचे की सभी विशेषताओं को नवनिर्मित भवन में संरक्षित किया गया है। मोदी ने कहा कि नए भवन का निर्माण उसकी विरासत को ध्यान में रखते हुए किया गया है।