मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Partnership between Koo App and IIT Delhi to curb air pollution
Written By
Last Updated : गुरुवार, 4 अगस्त 2022 (19:33 IST)

Koo ऐप और IIT दिल्ली के बीच हुई साझेदारी, वायु प्रदूषण पर अंकुश के लिए लोगों को करेंगे जागरूक

Koo ऐप और IIT दिल्ली के बीच हुई साझेदारी, वायु प्रदूषण पर अंकुश के लिए लोगों को करेंगे जागरूक - Partnership between Koo App and IIT Delhi to curb air pollution
नई दिल्ली। वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने और स्वच्छ वातावरण बनाने की जरूरत पर लोगों को जागरूक करने के लिए आईआईटी दिल्ली के इंडस्ट्री इंटरफेस संगठन-फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी) और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू ऐप के बीच गुरुवार को साझेदारी हुई।

इस साझेदारी के तहत प्रदूषण के स्तर पर स्थानीय भाषाओं में सामग्री देने के साथ वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के संभावित उपायों के साथ पहली बार सोशल मीडिया पर आने वाले उपभोक्ता समेत दर्शकों के व्यापक और ज्यादा विविधता भरे वर्ग तक पहुंचेगी।

यह साझेदारी छह महीने के लिए एक पायलट अध्ययन के रूप में शुरू होगी और प्रदूषण के विशिष्ट स्रोतों की पहचान करने में मदद करेगी। इससे नीति-निर्माताओं और सरकार को डेटा-संचालन की सटीक जानकारी देने के साथ साक्ष्य-आधारित नीति बनाने में मदद मिलेगी।

आईआईटी दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के प्रो. पी विग्नेश्वर इलावरसन ने कहा, मुझे व्यक्तिगत रूप से यह जानने में खुशी हो रही है कि वैज्ञानिक साक्ष्य-आधारित जानकारी (प्रदूषण डेटा पर) को कू ऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारी तादाद में लोगों के इस्तेमाल के लिए कैसे बदला जा सकता है।

स्थानीय भाषाओं के हिसाब से सामग्री में परिवर्तन करने से बेहतर परिणाम लाने में मदद मिलेगी। इस पायलट प्रोजेक्ट में समूचे भारत के स्तर पर लोगों को ऐसी व्यवहारिक आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित करने की क्षमता है, जो अंततः प्रदूषण को रोकने में मदद कर सकती हैं।


कू ऐप के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, सोशल मीडिया जनता की भलाई के लिए है। नागरिकों को प्रभावित करने वाले विषयों पर जागरूकता बढ़ाने वाले एक जिम्मेदार मंच के रूप में कू ऐप, आईआईटी दिल्ली के साथ संयुक्त रूप से काम करने के लिए सबसे बेहतर स्थिति में है। हम सब मिलकर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वायु प्रदूषण से संबंधित चिंताएं हमारे बच्चों के भविष्य का हिस्सा न बनें।(वार्ता)
ये भी पढ़ें
Government jobs : 9 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां, केंद्र सरकार क्यों नहीं कर रहीं भर्तियां