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Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 18 दिसंबर 2024 (00:14 IST)

One Nation-One Election : वन नेशन वन इलेक्शन बिल, व्हिप के बावजूद लोकसभा में BJP के 20 सांसद गायब, अब पार्टी क्या लेगी एक्शन

विपक्ष का आरोप- कई वोटों की नहीं हुई गिनती

One Nation-One Election :  वन नेशन वन इलेक्शन बिल, व्हिप के बावजूद लोकसभा में BJP के 20 सांसद गायब, अब पार्टी क्या लेगी एक्शन - One Nation One Election Bills Introduced In Lok Sabha
One Nation-One Election : देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को सरकार ने विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच मंगलवार को निचले सदन में पेश किया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को निचले सदन में पुर:स्थापित करने के लिए रखा, जिनका विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया। विधेयक को पेश किए जाने के पक्ष में 269 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े। मत विभाजन के दौरान भाजपा के करीब 20 सांसद अनुपस्थित रहे।
 
भाजपा के 20 सांसद नहीं थे मौजूद :  मीडिया खबरों के मुताबिक लोकसभा में बिल को पेश करते वक्त शांतनु ठाकुर, जगदंबिका पाल, बीवाई राघवेंद्र, गिरिराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नितिन गडकरी, विजय बघेल, उदयराज भोंसले, भागीरथ चौधरी, जगन्नाथ सरकार और जयंत कुमार रॉय मौजूद नहीं थे। मीडिया खबरों के मुताबिक इन सांसदों को व्हिप के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया गया है। 
एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम उनकी अनुपस्थिति के पीछे के कारणों की निश्चित रूप से जांच कर रहे हैं। कुछ के पास वास्तविक कारण थे। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री सी आर पाटिल सहित कुछ सांसद राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सार्वजनिक कार्यक्रम में व्यस्त थे। उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान भाजपा के सहयोगी दलों के चार से पांच सांसद भी मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि इस पर भी गौर किया जा रहा है।
पहले देनी पड़ती है सूचना : व्हिप जारी होने पर अगर कोई सांसद संसद नहीं पहुंचता है तो उसे पहले से ही पार्टी के व्हिप (सचेतक) को कारण बताते हुए सूचित करना पड़ता है। अगर कोई कारण बताए बिना गैरहाजिर रहता है, तो उसको नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाता है। 
 
पार्टी के बड़े नेता हैं नाराज : भाजपा ने एक व्हिप जारी करके अपने सभी सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने को कहा था, लेकिन इतने सारे सांसदों की अनुपस्थिति से पार्टी नेतृत्व नाराज है। हालांकि, सूत्रों ने यह भी कहा कि कई सांसदों ने व्यक्तिगत और काम से संबंधित कारणों से अपनी अनुपस्थिति के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था।
arjun ram meghwal
विपक्ष ने किया विरोध : विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया। कांग्रेस एक नेता ने कहा कि यह संविधान और लोगों के मतदान के अधिकार पर हमला है। तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने कहा, कि यह बिल संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) गुट के सांसद अनिल यशवंत देसाई ने भी बिल का विरोध किया। 
नए भवन में पहली बार नई प्रणाली : देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक पर निचले सदन में मत विभाजन के दौरान सदस्यों ने नए संसद भवन में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से वोट डाले। सूत्रों का कहना है कि कुल 369 सांसदों ने अपने मत मशीन के माध्यम से दर्ज किए, जबकि शेष 92 मत पर्चियों के माध्यम से डाले गए। उन्होंने यह भी बताया कि पर्चियों से डाले गए मतों में से 43 पक्ष में और 49 विरोध में थे। यह पहला अवसर था जब लोकसभा के नये कक्ष में स्वचालित मत रिकॉर्डिंग मशीन का उपयोग किया गया।
 
कई वोटों की नहीं हुई गिनती : कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने दावा किया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग विफल रही और कई वोटों की गिनती नहीं हुई। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मजेदार बात यह है कि 129वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश किए जाने पर मतदान के दौरान संसद में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग विफल रही। कई वोटों की गिनती नहीं हुई। यह पर्ची वाले ही वोट थे जिसने अंत में सटीक मिलान दर्शाया। इनपुट एजेंसियां   Edited by : Sudhir Sharma