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Last Updated : मंगलवार, 22 मई 2018 (09:46 IST)

केरल में 'निपाह' वायरस का कहर, 10 की मौत, तमिलनाडु भी चिंतित

केरल में 'निपाह' वायरस का कहर, 10 की मौत, तमिलनाडु भी चिंतित - 'Nipah' virus, virus attack, Tamil, Kerala
चेन्नई। केरल में 'निपाह' विषाणु से 10 लोगों की मौत के बीच तमिलनाडु सरकार ने सीमावर्ती जिलों सहित अन्य जगहों पर बुखार के पीड़ितों की निगरानी बढ़ा दी और स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि केरल से सटे जिलों (कोयम्बटूर, नीलगिरि और कन्याकुमारी) के अधिकारियों से ज्यादा सतर्क रहने और बुखार के पीड़ितों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि हम बुखार के पीड़ितों पर निरंतर नजर बनाए हुए हैं। हम देख रहे हैं कि क्या राज्य में कहीं बुखार की शिकायतों में असामान्य रूप से बढ़ोतरी हुई है लेकिन फिलहाल ऐसी कोई चीज नहीं है।

जानिए, कितना खतरनाक है निपाह (NiV) वायरस?

इस बीच स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्ढा ने ट्वीट कर कहा कि केरल में निपाह वायरस से होने वाली मौतों के बाद उत्पन्न स्थिति पर स्वास्थ्य सचिव से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि स्थिति की समीक्षा के बाद डॉक्टरों की एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने के निर्देश दे दिए गए हैं। राष्ट्रीय नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) के निदेशक की देखरेख में एक दल केरल पहुंच चुका है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय केरल सरकार के स्वास्थ्य विभाग से बराबर संपर्क बनाए हुए हैं।

क्या है निपाह वायरस : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है। 1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह में पहली बार इसके मामले सामने आए थे। इसलिए इसे निपाह वायरस नाम दिया गया।

कैसे बचें इस खतरनाक वायरस से : इस वायरस से बचने के लिए पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए। यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। इसे रोकने के लिए संक्रमित रोगी से दूरी बनाए रखने की जरूरत होती है। वैसे इस वायरस से बचने के लिए बाजार में फिलहाल कोई दवा उपलब्ध नहीं है।

5 से 14 दिन तक इसकी चपेट में आने के बाद ये वायरस तीन से 14 दिन तक तेज बुखार और सिरदर्द की वजह बन सकता है। इस खतरनाक वायरस के चपेट में आने वाला व्यक्ति कोमा में भी पहुंच सकता है।