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Last Updated : शनिवार, 24 सितम्बर 2022 (20:01 IST)

NIA ने कहा- PFI ने सरकारी नीतियों की गलत व्याख्या कर भारत के प्रति नफरत फैलाई

NIA ने कहा- PFI ने सरकारी नीतियों की गलत व्याख्या कर भारत के प्रति नफरत फैलाई - NIA said- PFI spread hatred towards India by misinterpreting government policies
कोच्चि। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कार्यालयों और उसके नेताओं के ठिकानों पर की गई देशव्यापी छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेजों में बेहद संवेदनशील सामग्री मिली है, जिसमें एक समुदाय विशेष के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया गया है।

कोच्चि में विशेष एनआईए अदालत में सौंपी गई रिमांड रिपोर्ट में जांच एजेंसी ने यह आरोप भी लगाया है कि इस चरमपंथी इस्लामी संगठन ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए बरगलाया।

एनआईए ने कोच्चि में दर्ज एक मामले के संबंध में 10 आरोपियों की हिरासत की मांग करते हुए 22 सितंबर को अदालत में रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीएफआई ने हिंसक जिहाद के तहत आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया और भारत में इस्लामी शासन की स्थापना की साजिश रची।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएफआई लोगों के एक वर्ग के समक्ष सरकारी नीतियों की गलत व्याख्या पेश कर भारत के प्रति नफरत फैलाने और सत्ता तथा उसके अंगों के खिलाफ घृणा का भाव उत्पन्न करने का काम करता है।

एजेंसी ने कहा, जांच में सामने आया है कि प्राथमिकी में नामजद आरोपी संगठित अपराध और अवैध गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे। वे समाज के अन्य धार्मिक वर्गों और आमजन के बीच दहशत पैदा करने का काम करते थे। एनआईए ने 22 सितंबर को 11 राज्यों में छापेमारी कर पीएफआई के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों में ऐसी सामग्री पाई गई है, जिससे पता चलता है कि एक समुदाय विशेष के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया जा रहा था। इस ‘हिट लिस्ट’ से मालूम होता है कि पीएफआई अपने नेताओं के माध्यम से समुदायों के बीच तनाव पैदा करने का काम कर रहा था।

एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि संगठन का इरादा शांति और सद्भाव को भंग करना तथा वैकल्पिक न्याय व्यवस्था चलाना था। रिपोर्ट के अनुसार, पीएफआई ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा, अलकायदा और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए बरगलाया।

इसमें कहा गया है कि इस्लामी चरमपंथी संगठन ने हिंसक जिहाद के तहत आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया और भारत में इस्लामी शासन की स्थापना की साजिश रची। एजेंसी ने कहा कि आरोपियों और पीएफआई के कार्यालय से जब्त उपकरणों का तिरुवनंतपुरम स्थित सी-डैक में विश्लेषण किए जाने की जरूरत है।
Pinarayi Vijayan

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन बोले- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा : केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा एक दिन पहले आहूत की गई हड़ताल के दौरान राज्य में हुई हिंसा पूर्व नियोजित थी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

विजयन ने यहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संघ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिंसा की निंदा की और कहा कि इससे राज्य में सार्वजनिक तथा निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है।

विजयन ने कहा, पीएफआई के नेतृत्व में कल की हड़ताल में केरल में पूर्व नियोजित हिंसा देखी गई। राज्य को उनकी (पीएफआई) ओर से एक संगठित और हिंसक स्थिति का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप राज्य को भारी नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य के शांतिपूर्ण माहौल को नष्ट करने का प्रयास था और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

अधिकारियों ने कहा था कि देशभर में लगभग एकसाथ छापेमारी में एनआईए के नेतृत्व में 22 सितंबर को विभिन्न एजेंसियों ने अभियान चलाकर 11 राज्यों में पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। पीएफआई ने 23 सितंबर को केरल में हड़ताल की घोषणा की थी और इस दौरान राज्य में व्यापक हिंसा हुई थी।(एजेंसियां)
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