जम्मू। राज्य प्रशासन के आग्रह पर अब हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर नवीद बाबू के साथ गिरफ्तार निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह के मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) करेगी। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक वाईसी मोदी ने बुधवार को गृह सचिव अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की।
इसके बाद आईजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम, इस मामले की जांच के लिए कश्मीर भेजी है। दरअसल, राज्य प्रशासन चाहता है कि डीएसपी से जल्द सब कुछ उगलवा लिया जाए क्योंकि वह इन सालों के दौरान जिन स्थानों पर तैनात रहा है, उनमें कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील भी थे और उसके आतंकियों से संबंध उजागर होने के बाद उन संस्थानों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
इस बीच, मामले की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों ने डीएसपी के बैंक खाते और अन्य संपत्तियों की जांच भी की। उसकी संपत्तियों का पूरा ब्योरा जुटाया जा रहा है। पूछताछ में जुटी एजेंसियों ने इससे जुड़े दस्तावेज भी खंगाले हैं। आईबी, रॉ और मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) देविंदर से सघन पूछताछ कर आतंकियों के साथ उसके कनेक्शन की भी छानबीन में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि आतंकियों के साथ गठजोड़ के कई राज सामने आ सकते हैं।
जांच में जुटी एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में यह पता चला कि पिछले साल भी डीएसपी ने आतंकी नवीद को जम्मू पहुंचाया था। यहां ठहरने तथा इलाज के बाद उसे शोपियां तक सुरक्षित पहुंचाया था। माना जा रहा है कि वह इस बार नवीद को चंडीगढ़ ले जा रहा था। वहां कुछ महीने तक रहने के लिए उसने किराए के रूप में 12 लाख रुपए लिए थे।
जांच एजेंसियों को यह भी पता चला है कि वह श्रीनगर में आलीशान बंगला बनवा रहा है। डीएसपी के बयानों में काफी विरोधाभास है। इसे पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ के आधार पर मिलान किया जाएगा। दक्षिणी कश्मीर में चल रही पूछताछ के दौरान आतंकियों को अलग-अलग कमरे में रखा गया है।
देविंदर के साथ पकड़े गए आतंकी नवीद मुश्ताक ने पूछताछ में बताया है कि अधिकांश आतंकी पुलिस से बचने के लिए सर्दी के दौरान कश्मीर से बाहर का रुख कर लेते हैं, जबकि गर्मी में वे जंगलों में ही रहते हैं। इससे उन्हें आराम करने और नेटवर्क तैयार करने का पूरा मौका भी मिलता है। देविंदर सिंह से पुलवामा जिला पुलिस लाइन पर हुए आतंकी हमले से लेकर बीते दो सालों के दौरान पुलवामा जिले में हुए विभिन्न आतंकी हमलों के बारे में भी पूछा जा रहा है।
पूछताछ में पता चला है कि आतंकी नवीद का एक भाई चंडीगढ़ में पढ़ रहा है। देविंदर को नवीद व उसके साथियों को किसी तरह चंडीगढ़ पहुंचाना था। नवीद के मां-बाप भी बीते कुछ दिनों से दिल्ली में ही हैं। समझा जा रहा है कि नवीद चंडीगढ़ में कुछ दिन रुकने के बाद दिल्ली जाने वाला था। वह बीते साल भी कुछ दिनों तक जम्मू में अपने मां-बाप से मिलने के लिए देविंदर की मदद से ही रुका था।
हालांकि एक अधिकारी ने दावा किया कि डीएसपी अक्सर कहता है कि वह आतंकियों का साथ नहीं देना चाहता था। वह उन्हें सरेंडर कराना चाहता था, लेकिन पता नहीं वह कैसे उनका साथ देने लगा। वह कह रहा है कि वह किसी आतंकी हमले की साजिश में शामिल नहीं था, उसने सिर्फ एक दो बार ही आतंकियों की मदद की है और वह भी उन्हें कश्मीर से बाहर ले जाने में।
फिलहाल, इन चारों से दक्षिण कश्मीर में अमनू (कुलगाम) में पूछताछ हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, देविंदर सिंह और हिज्ब के दोनों आतंकियों नवीद व आसिफ के अलावा लश्कर के ओवरग्राउंड वर्कर इरफान शफी मीर से अलग-अलग पूछताछ हो रही है। तीनों के बयानों को दर्ज कर उन्हें आपस में मिलाया जा रहा है।