Indian Navy: नौसेना प्रमुख ने चीन को बताया कठिन चुनौती, अग्निपथ सेना भर्ती योजना पर दिया यह बयान
नई दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने मंगलवार को कहा कि चीन एक कठिन चुनौती बना हुआ है, जिसने ना सिर्फ भारत की स्थल सीमा पर बल्कि समुद्री क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है। नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि अग्निपथ बेहतर योजना है, जो गहन विचार-विमर्श और अन्य सेनाओं में कर्मियों की भर्ती के व्यापक अध्ययन के बाद लाई गई है। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नौसेना हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) में नियमित रूप से नजर रखे हुए है।
यहां 'भारत की नौसेना क्रांति: एक सागरीय शक्ति बनने' विषय पर एक कार्यक्रम में मुख्य भाषण देते हुए नौसेना प्रमुख ने देश के लिए पारंपरिक और अन्य सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक संकट के बावजूद, पाकिस्तान ने अपना सैन्य आधुनिकीकरण जारी रखा है, खासतौर पर अपनी नौसेना का जो करीब 2030-2035 तक 50 प्लेटफॉर्म बल में तब्दील होने की राह पर है।
उन्होंने कहा कि इन पारंपरिक सैन्य चुनौतियों के कायम रहने के साथ-साथ आतंकवाद एक बड़ा सुरक्षा खतरा बना हुआ है, क्योंकि इसका आकार व दायरा बढ़ना जारी है। एडमिरल कुमार ने कहा कि प्रतिदिन के आधार पर प्रतिस्पर्धा हो रही है, ऐसे में संभावित विरोधियों के साथ युद्ध से कभी इंकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में चीन एक कठिन चुनौती बना हुआ है और उसने न सिर्फ हमारी स्थल सीमा पर बल्कि समुद्री लूटरोधी अभियानों के सहारे समुद्री क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है ताकि वह हिन्द महासागर क्षेत्र में नौसेना की मौजूदगी को सामान्यीकृत कर सके।
बाद में उन्होंने मंच पर बातचीत में कहा कि चीन हिन्द महासागर में 2008 से है और जिबौती में एक सैन्य अड्डा भी बनाया है। साथ ही, वह क्षेत्र में श्रीलंका, म्यांमार और पाकिस्तान तथा अन्य देशों के समुद्र तटों पर भी विभिन्न बंदरगाह विकसित कर रहा। नौसेना प्रमुख ने कहा कि हम हिन्द महासागर क्षेत्र में उनकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं।(भाषा)