नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि 'नया भारत' नई नीतियों और रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रहा है और उनकी सरकार अतीत के 'प्रतिक्रिया आधारित दृष्टिकोण' को छोड़ प्रौद्योगिकी एवं बुनियादी ढांचे के मामलों में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के तहत 23 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है जिसमें 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं।
मोदी ने 'रोजगार मेले' को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों के लिए 'मुद्रा' ऋण परियोजना से 8 करोड़ से अधिक नए उद्यमी तैयार हुए हैं और सरकार की नीतियों एवं रणनीतियों ने नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं।
उन्होंने उन लोगों पर भी निशाना साधा, जो खुद को 'बड़ा अर्थशास्त्री' मानते हैं और ये लोग बड़े कारोबारियों को 'फोन पर' कर्ज देते थे और आज मुद्रा योजना का मजाक उड़ा रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका कटाक्ष स्पष्ट रूप से कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम पर था। चिदंबरम ने हाल में 'मुद्रा' योजना पर सवाल उठाया था और आश्चर्य जताया था कि 50,000 रुपए के ऋण के साथ किस तरह के व्यवसाय शुरू किए जा सकते हैं?
मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत 23 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है जिसमें 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। 'माइक्रो फाइनेंसिंग' जमीनी स्तर की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बहुत कुछ करता है, लेकिन कुछ लोग जो खुद को बड़ा अर्थशास्त्री मानते हैं, उन्हें कभी इसका एहसास नहीं हुआ और वे आम आदमी की क्षमताओं को नहीं समझते हैं।
उन्होंने कहा कि इस योजना ने 8 करोड़ नए उद्यमी तैयार किए हैं। ये वे लोग हैं जिन्होंने पहली बार मुद्रा योजना की मदद से अपना कारोबार शुरू किया है। कार्यक्रम में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में 71,506 भर्तियों के लिए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए।
मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद से बदलाव के पैमाने को रेखांकित करने के लिए विकास के कई आंकड़ों का हवाला देते कहा कि 2014 तक 7 दशकों में केवल 20,000 किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण किया गया था, लेकिन पिछले 9 वर्षों में यह आंकड़ा 40,000 किलोमीटर हो गया है।
उन्होंने कहा कि 2014 तक ग्रामीण सड़क की लंबाई 4 लाख किलोमीटर थी लेकिन अब यह 7.25 लाख किलोमीटर हो गई है जबकि गांवों में 6 लाख किलोमीटर 'ऑप्टिकल फाइबर' बिछाई गई है। मोदी ने कहा कि देश में 148 हवाई अड्डे हैं जबकि पहले यह संख्या 74 थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में केंद्र सरकार ने पूंजीगत व्यय में 4 गुना की वृद्धि की है जिसकी वजह से न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़े बल्कि लोगों की आय में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' गांव से लेकर शहरों तक भारत में रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा करने वाला अभियान है।
प्रधानमंत्री ने भारत को दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था करार देते हुए कहा कि आज जहां पूरी दुनिया कोविड महामारी के बाद मंदी से जूझ रही है और ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है, वहीं इन सबके बावजूद पूरी दुनिया भारत को एक उभरती ताकत (ब्राइट स्पॉट) के रूप में देख रही है।
उन्होंने कहा कि आज का नया भारत जिस नई नीति और रणनीति पर चल रहा है, उसने देश में नई संभावनाओं और अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। बुनियादी अवसंरचना में निवेश को रोजगार के अवसर पैदा करने का एक और पक्ष बताते हुए मोदी ने कहा कि जब सरकार पूंजीगत व्यय पर खर्च करती है तो बड़े पैमाने पर सड़क, रेलवे, बंदरगाह जैसी बहुत-सी चीजें तैयार हो जाती हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के दौरान बीते 9 वर्षों में पूंजीगत व्यय में 4 गुना की वृद्धि हुई है। इससे रोजगार के नए अवसर और लोगों की आय दोनों में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार, एक विकसित भारत के संकल्प की प्राप्ति के लिए युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा को सही अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों में गुजरात से लेकर असम और उत्तरप्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक सरकारी भर्ती की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है और कल ही मध्यप्रदेश में 22,000 से अधिक शिक्षकों को भर्ती पत्र सौंपे गए हैं। यह रोजगार मेला देश के युवाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
नवनियुक्त अभ्यर्थियों की सरकार से होने वाली अपेक्षाओं को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे दूसरों की अपेक्षाओं को पूरा करें और आप में से प्रत्येक व्यक्ति अपने काम के माध्यम से आदमी के जीवन को किसी न किसी तरीके से प्रभावित करेगा। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए।
प्रधानमंत्री ने नवनियुक्त अभ्यर्थियों से अपनी सीखने की प्रक्रिया को नहीं रोकने का आग्रह किया और कहा कि कुछ नया जानने या सीखने की प्रकृति कार्य और व्यक्तित्व दोनों में परिलक्षित होती है। उन्होंने उन्हें ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म 'आईजीओटी कर्मयोगी' से जुड़कर अपने कौशल को उन्नत करने की भी सलाह दी।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta