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Last Updated : बुधवार, 11 दिसंबर 2019 (20:15 IST)

नरेंद्र मोदी को नानावटी आयोग की क्लीन चिट, बदनाम करने की साजिश का खुलासा

नरेंद्र मोदी को नानावटी आयोग की क्लीन चिट, बदनाम करने की साजिश का खुलासा - Nanavati Aayog cleanchit to Narendra Modi
गांधीनगर। गुजरात के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने बुधवार को कहा कि राज्य में 2002 के दंगों पर  नानावटी आयोग की रिपोर्ट कुछ गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने की साजिश को उजागर करती है। जडेजा ने राज्य विधानसभा में आयोग की रिपोर्ट को पेश किया।
 
नानावटी आयोग ने 2002 के दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को क्लीन चिट दी है। इन दंगों में 1000 से अधिक लोग मारे गए थे जिनमें से अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के थे।
 
ये दंगे गोधरा रेलवे स्टेशन के समीप साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की दो बोगियों में आग लगाए जाने के बाद भड़के थे जिसमें 59 कारसेवक मारे गए थे।
 
सदन में रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद जडेजा ने पत्रकारों को बताया, 'आयोग की रिपोर्ट राज्य में 2002 के दंगों के बारे में लोगों के बीच सभी संदेहों को स्पष्ट करती है। यह दुनियाभर में मोदी की छवि खराब करने के लिए कुछ एनजीओ और कांग्रेस की साजिश को उजागर करती है।'
 
भाजपा नेता ने कहा कि आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि मोदी की छवि खराब करने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा, 'कई एनजीओ ने गुजरात, उसके लोगों और नरेन्द्र मोदी (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) की छवि धूमिल करने की साजिश रची थी। अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए उन्होंने आरोप लगाये कि दंगे राज्य-प्रायोजित थे।'
 
मंत्री ने कहा कि लेकिन आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठकें कीं, घटनास्थल पर गये और दंगों के दौरान कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के वास्ते कड़ी मेहनत की। 
 
जडेजा ने कहा कि आयोग ने 2002 दंगों में कथित भूमिका के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी और अन्य को क्लीन चिट दे दी।
 
उन्होंने दावा किया कि तीन पूर्व आईपीएस अधिकारियों आर बी श्रीकुमार, राहुल शर्मा और संजीव भट्ट ने दंगों के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि आयोग ने स्पष्ट किया है कि वह उनके आरोपों से सहमत नहीं है।