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Written By Author वृजेन्द्रसिंह झाला

सावधान! म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस से जा सकती है आंखों की रोशनी...

सावधान! म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस से जा सकती है आंखों की रोशनी... - Mucormycosis or black fungus is dangerous for the eyes
कोरोनावायरस (Coronavirus) के साइड इफेक्ट भी सामने आ रहे हैं। उपचार के दौरान दी जाने वाली दवाओं का असर शरीर के दूसरों हिस्सों पर देखने में आ रहा है। एक तरफ जहां हार्टअटैक के मामले सामने आ रहे हैं, वहीं अब म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) यानी ब्लैक फंगस के मामले तेजी से देखने में आ रहे हैं।
 
शुरुआत में इस तरह के मामले दिल्ली में देखने मिले थे, लेकिन इसके बाद गुजरात और इंदौर में म्यूकोरमाइकोसिस के मामले सामने आए हैं। गुजरात में तो 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं साथ ही इसके लिए अस्पताल में अलग से वार्ड स्थापित करना भी शुरू कर दिया है। गुजरात में इस तरह का मामले रोज आ रहे हैं, जबकि आधा दर्जन से ज्यादा लोग इस इन्फेक्शन के चलते अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं। इंदौर में भी 2 मरीजों की एक-एक आंख निकालना पड़ी है। 
 
क्या हैं इसके लक्षण : वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. बिरेन्द्र झा (MS) ने वेबदुनिया से बातचीत में म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षणों पर चर्चा करते हुए बताया कि गाल पर सुन्नपन, चेहरे पर सूजन, नजर का कमजोर होना, आंखों का मूवमेंट कम होना, आंखों में पानी आना आदि प्रमुख लक्षण हैं। इसके अलावा आंखों में सूजन, सिर दर्द होना, नाक का बंद होना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। 
कैसे करता है अटैक : डॉ. झा कहते हैं कि इस तरह का इन्फेक्शन नाक जरिए होता है और सबसे यह सबसे पहले साइनस पर अटैक करता है। साइनस बोन को ब्रेक करके यह आंखों को अपना शिकार बनाता है। चूंकि आंखों की नसें दिमाग से जुड़ी होती हैं अत: यह कई बार आंखों के जरिए ब्रेन तक भी पहुंच जाता है, जिससे मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 24 से 48 घंटे में यह अपना असर दिखा देता है। 
 
किन लोगों को बनाता है शिकार : डॉ. बिरेन्द्र झा का कहना है कि जिन व्यक्तियों को अनकंट्रोल डाय‍बिटीज होती है उन्हें इस तरह के इनफेक्शन का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है या पहले से कोई बीमारी है, जो लोग स्टेरॉयड ले रहे हैं, ऐसे लोगों को भी इससे सावधान रहना चाहिए। हालांकि यह रोग एक से दूसरे में नहीं फैलता।
उन्होंने बताया कि इस तरह के मामले कोविड-19 के पेशेंट्‍स में ही देखने को मिल रहे हैं। मरीज के रिकवर होने के 4-5 दिन बाद भी म्यूकोरमाइकोसिस के मामले सामने आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गुजरात में ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें मरीज 2-3 सप्ताह के बाद इस तरह के इनफेक्शन लक्षण सामने आए हैं। 
 
क्या करें : डॉ. झा कहते हैं कि म्यूकोरमाइकोसिस से जुड़े कोई लक्षण नजर आएं तो मरीज को ईएनटी विशेषज्ञ और नेत्र रोग विशेषज्ञ से तत्काल संपर्क करना चाहिए। ज्यादा इनफेक्शन होने की आंखों की रोशनी चली जाती है। यहां तक कि आंख निकालने की नौबत भी आ जाती है। इसके लिए जरूरी है कि जो व्यक्ति अनकंट्रोल डायबिटीज का शिकार हैं, वे लगातार अपना शुगर लेबल लगातार चेक करते रहें ताकि वह कंट्रोल में रहे।