Monsoon 2023 : क्या इस साल पड़ने वाला है सूखा? आ गया मॉनसून का पहला अनुमान, कितनी होगी बारिश
नई दिल्ली। Monsoon 2023 in India: इस वर्ष देश में मॉनसून कैसा रहने वाला है। मॉनसून को लेकर पहला अनुमान आ गया है। वेदर रिपोर्ट देने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने मॉनसून 2023 का पूर्वानुमान जारी किया है। स्कायमेट के अनुसार इस साल सामान्य से कम मॉनसून का अनुमान है। पहले अनुमान में बारिश सामान्य से कम रह सकती है। स्काईमेट के अनुसार सामान्य बारिश होने की सिर्फ 25 प्रतिशत संभावना है।
इस साल 20 प्रतिशत सूखा पड़ सकता है। लॉन्ग पीरियड एवरेजका 94 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है। सूखा पड़ने की भी 20% संभावना है।
झेलना पड़ सकता है सूखा : ला नीना खत्म हो चुका है और आने वाले दिनों में अल नीनो के चलते मॉनसून के कमजोर रहने की संभावना बन रही है। स्काईमेट के अनुसार इस बार मॉनसून पर अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है।
इस कारण से बारिश सामान्य से काफी कमजोर रहती है और देश को सूखा झेलना पड़ सकता है। मौसम ज्यादा गरम रहने से फसलों पर भी बुरा असर पड़ने की संभावना है।
प्रशांत महासागर में जब समुद्र की ऊपरी सतह गर्म होती है तो अल नीनो का प्रभाव पड़ता है। इसका असर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पर पड़ता है। अनुमान के मुताबिक कि अल नीनो का प्रभाव मई-जुलाई के बीच लौट सकता है। देश में मॉनसून भी पूरी तरह से जून से सितंबर के बीच सक्रिय होता है। स्कायमेट के अनुमान के मुताबिक अल नीनो के चलते सूखा पड़ने की भी आशंका है।
1197 में हुई थी सामान्य से ज्यादा बारिश : गर्मी में अल नीनो के प्रभाव से बारिश कम होती है, लेकिन यह तय नहीं है, क्योंकि 1997 में ताकतवर अल नीनो के बावजूद सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी, जबकि 2004 में कमजोर अल नीनो के बावजूद गंभीर सूखा पड़ा था। स्कायमेट का अनुमान है कि पूरे देश के लिए अच्छी खबर नहीं है। खासकर, खेती के लिहाज से तो बिलकुल नहीं।
अनुमान है कि इस बार मॉनसून में बारिश कम होगी। मॉनसून सीजन जून से सितंबर तक होता है। पिछले साल अच्छी बारिश हुई थी। इसके बावजूद देश का 17% इलाका सूखे की चपेट में रहा। पिछली साल जिन इलाकों कम बारिश हुई थी।
इनमें उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाके और उत्तर पूर्व के कुछ राज्य थे। ये साल अल-नीनो (El-Nino) का हो सकता है। इसका अर्थ यह कि मॉनसून में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।