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Last Updated : शनिवार, 28 जनवरी 2023 (19:17 IST)

भारत जोड़ो यात्रा : कई विवादों और आरोप-प्रत्यारोप ने सुर्खियों में बनाए रखा

भारत जोड़ो यात्रा : कई विवादों और आरोप-प्रत्यारोप ने सुर्खियों में बनाए रखा - Many controversies and allegations and counter-allegations kept the Bharat Jodo Yatra in the limelight
नई दिल्ली। कभी राहुल गांधी की 'बर्बरी टी-शर्ट' तो कभी विनायक दामोदर सावरकर पर उनकी टिप्पणी तथा कई बार कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने 'भारत जोड़ो यात्र' को समय-समय पर सुर्खियों में बनाए रखा। यात्रा पिछले साल 7 सितंबर को कन्याकुमारी से आरंभ हुई थी और उसी समय ही विवादों की शुरुआत हुई।

भाजपा ने राहुल गांधी की ‘बर्बरी’ ब्रांड की टी-शर्ट को लेकर सवाल उठाए जिसके जवाब में मुख्य विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘10 लाख के सूट’ का विषय उठाकर पलटवार किया। यात्रा के संदर्भ में कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध की यह शुरुआत थी। इसके बाद दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल पड़ा।

केरल में एक विवादित ईसाई धर्मगुरु से राहुल गांधी की मुलाकात के वीडियो को लेकर भाजपा ने विपक्षी दल पर प्रहार किया जिसके बाद कांग्रेस के आधिकारिक टि्वटर हैंडल से खाकी हॉफ पैंट में आग लगाने से जुड़ी तस्वीर साझा करके तंज कसा गया।

कांग्रेस को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब कोच्चि के निकट यात्रा के प्रचार से जुड़े पोस्टर पर सावरकर की तस्वीर लगी थी। एरनाकुलम जिला कांग्रेस कमेटी ने राहुल गांधी और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के स्वागत के लिए व्यापक तैयारी की थी और उसी दौरान एक पोस्टर पर सावरकर की तस्वीर देखी गई। बाद में इसके लिए कांग्रेस के एक कार्यकर्ता को निलंबित कर दिया गया।

राहुल गांधी के लंबी दाढ़ी रखने के बाद इसको लेकर भी कांग्रेस और भाजपा के बीच वार-पलटवार देखने को मिला। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने गुजरात में एक सभा के दौरान कह दिया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन की तरह लग रहे हैं। इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा नेता सरमा ‘ट्रोल’ की तरह हैं।

‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कई मौके आए जब कांग्रेस के लिए असहज और चुनौती पैदा करने वाली स्थिति पैदा हुई। महाराष्ट्र में इस यात्रा के रहने के दौरान राहुल गांधी ने सावरकर की ‘दया याचिकाओं’ का उल्लेख किया तो महाराष्ट्र में उसकी सहयोगी शिवसेना (उद्धव) ने इसका खुलकर विरोध किया।

यात्रा जब मध्यप्रदेश में थी तो उस समय राजस्थान में कांग्रेस के भीतर घमासान शुरू हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक साक्षात्कार में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को ‘गद्दार’ कह दिया। कांग्रेस ने आनन-फानन में स्थिति को संभाला और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राजस्थान में यात्रा के प्रवेश करने से पहले गहलोत और पायलट के बीच सुलह का रास्ता तैयार किया।

कांग्रेस और भाजपा के बीच उस समय भी आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला जब भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर राहुल गांधी के साथ इस यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के दिल्ली में प्रवेश करने के बाद राहुल गांधी का सर्दी में टी-शर्ट पहनकर पदयात्रा करना भी सुर्खियां बना।

नए साल की शुरुआत से कुछ दिनों पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दावा किया कि राहुल गांधी छुट्टयां मनाने विदेश जा रहे हैं, हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने 31 दिसंबर को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जोशी से माफी की मांग की। इस महीने की शुरुआत में राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत तपस्वियों का देश है, पुजारियों का देश नहीं है। इसको लेकर भी दोनों दलों में तीखे आरोप-प्रत्यारोप हुए।

यात्रा पर उस वक्त फिर से विवाद का साया पड़ा जब जम्मू के एक नेता चौधरी लाल सिंह ने राहुल गांधी के साथ पदयात्रा की घोषणा की। कठुआ दुष्कर्म मामले के आरोपियों का सिंह द्वारा ‘बचाव किए जाने’ का हवाला देकर कई संगठनों ने उनके यात्रा में शामिल होने की योजना का विरोध किया और जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता दीपिका पुष्कर नाथ ने इस्तीफे की घोषणा भी कर दी थी।

इस यात्रा से एक और विवाद उस वक्त जुड़ा जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े सरकार के दावों पर सवाल खड़े किए। भाजपा ने इस पर तीखा प्रहार किया। कांग्रेस और राहुल गांधी ने दिग्विजय सिंह के बयान से दूरी बना ली।

महबूबा मुफ्ती बोलीं- 'भारत जोड़ो यात्रा' कश्मीर के लिए ताजा हवा के झोंके की तरह : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कश्मीर के लिए ताजा हवा के झोंके की तरह है क्योंकि 2019 के बाद उसने इतनी बड़ी संख्या में लोगों को अपने घरों से निकलने का मौका दिया है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और उसे 2 संघ शासित प्रदेशों में बांट दिया।

पीडीपी ने ट्वीट किया है, राहुल गांधी की यात्रा कश्मीर के लिए ताजा हवा का झोंका है। 2019 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब इतनी बड़ी संख्या में कश्मीरी बाहर आ रहे हैं। उनके साथ चलना अच्छा अनुभव रहा। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री दक्षिण कश्मीर के पुलवाला जिले के चुरसू में राहुल गांधी के साथ पदयात्रा में शामिल हुईं।

'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल हुए उमर अब्दुल्ला, बोले- यात्रा को कश्मीर में अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही : नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी नीत भारत जोड़ो यात्रा को कश्मीर में अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है लेकिन टीवी मीडिया और ‘कश्मीर विशेषज्ञ’ इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया है, बड़बोले ज्यादातर चुप हैं और चैनल इसके बारे में बात नहीं करना चाहते हैं, लेकिन यह देखने के लिए कि आपको किसी खास चश्मे की जरूरत नहीं है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। बड़े, बूढ़े, पुरुष, महिलाएं, सभी सड़कों पर उतर रहे हैं और एकता के लिए मार्च निकाल रहे हैं।

उन्होंने कहा, सबसे दुखी करने वाली चुप्पी ‘कश्मीर विशेषज्ञों’ की है जो कश्मीरियों को राष्ट्र-विरोधी, सांप्रदायिक और असहिष्णु बताने का एक भी अवसर नहीं गंवाते हैं। लोगों की भागीदारी उनके इस प्रोपगैंडा के चेहरे पर तमाचा है और यह उनकी चुप्पी की वजह बताता है। शुक्रवार को बनिहाल में पदयात्रा में अब्दुल्ला भी शामिल हुए। फोटो सौजन्‍य : टि्वटर
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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