भाजपा के इशारे पर वोटर्स को डरा रही है BSF, ममता बनर्जी का बड़ा आरोप
West Bengal News : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूचबिहार में आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) राज्य के सीमावर्ती इलाकों में मतदाताओं को डराने का काम कर रहा है। हालांकि बीएसएफ ने आरोप का खंडन करते हुए इसे निराधार बताया।
ममता बनर्जी ने कहा कि बीएसएफ का निर्दोष ग्रामीणों पर गोलियां चलाना निंदनीय है। उन्होंने पुलिस से उसकी गतिविधियों पर नजर रखने को भी कहा।
उन्होंने एक रैली में कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि पंचायत चुनाव से पहले बीएसएफ के कुछ अधिकारी सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, मतदाताओं को धमका रहे हैं और उन्हें वोट न देने के लिए कह रहे हैं। मैं लोगों से कहूंगी कि वे डरें नहीं और निडर होकर चुनाव में हिस्सा लें।
पिछले साल ग्रामीणों पर बीएसएफ की कथित गोलीबारी का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि पुलिस ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज करेगी और कानून अपना काम करेगा।
उन्होंने कहा कि BSF किसी को गोली मारने का अधिकार नहीं है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, ऐसा लगता है कि कूचबिहार जिले में लोगों को मारना एक आम बात हो गया है। बीएसएफ ने जिन पर गोलियां चलाई थीं, उनके बारे में उसने तस्कर होने का दावा किया था।
इस बीच बीएसएफ गुवाहाटी फ्रंटियर ने बयान जारी कर कहा कि यह बताना है कि कूचबिहार में एक रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बीएसएफ पर जो आरोप लगाए हैं, वे पूरी तरह बेबुनियाद एवं सत्य से परे हैं।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ एक पेशेवर बल है जिसे भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा की चौकसी करने का जिम्मा मिला है। उसने किसी भी सीमावर्ती क्षेत्र में लोगों या मतदाताओं को किसी भी वजह से कभी नहीं डराया-धमकाया। उन्होंने कहा कि बीएसएफकर्मियों को भी चुनाव ड्यूटी में लगाया जाता है और वे स्थानीय प्रशासन की निगरानी में अपना काम करते हैं।
इधर भाजपा ने भी राजनीतिक मकसद के लिए बीएसएफ का इस्तेमाल करने के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं और हमारे सुरक्षाबलों का अपमान हैं। ये टिप्पणियां टीएमसी की मानसिकता को दर्शाती हैं क्योंकि वह बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के बाद से उसके खिलाफ है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2021 में बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था ताकि बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी के बजाय 50 किमी के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत किया जा सके।
Edited by : Nrapendra Gupta