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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 20 जुलाई 2023 (22:44 IST)

kuno national park : 1 साल में 40% चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट का सरकार से सवाल, केंद्र ने कहा- 50 फीसदी तक मौतों की आशंका थी

kuno national park : 1 साल में 40% चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट का सरकार से सवाल, केंद्र ने कहा- 50 फीसदी तक मौतों की आशंका थी - Kuno cheetah deaths: Supreme Court asks why it is a prestige issue; suggests shifting some cheetahs to Rajasthan
नई दिल्ली। Kuno National Park : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों में से 40 प्रतिशत की मौत 1 वर्ष से भी कम समय में होने पर चिंता व्यक्त करते हुए गुरुवार को केंद्र सरकार से पूछा कि सभी चीतों को केवल मध्यप्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में ही क्यों भेजा गया‌? दूसरी जगह शिफ्ट क्यों नहीं कर देते।
 
न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने पिछले सप्ताह 2 और चीतों मौत पर के बाद दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में ये आंकड़े राज्य की चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं। इस प्रजाति को 1952 में देश से विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
 
सुप्रीम कोर्ट ने वन्यजीव विशेषज्ञ एमके रंजीत सिंह की नेतृत्व वाली समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से कई सवाल पूछे। इस मामले में समिति ने अदालत को बताया कि सरकार द्वारा नियुक्त किए गए टास्क फोर्स में कोई भी चीता विशेषज्ञ नहीं है। पिछले सप्ताह दो चीतों की मौत की गंभीरता को देखते हुए समिति ने पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई थी।
 
पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा, 'यह प्रतिष्ठा का मुद्दा क्यों बन रहा है'। सभी (चीतों) को अलग-अलग इलाकों की बजाय एक ही स्थान पर क्यों रखा गया।
 
पीठ ने आगे कहा कि कृपया कुछ सकारात्मक कदम उठाएं। एक साल से भी कम समय में होने वाली 40 फ़ीसदी मौतें अच्छी तस्वीर पेश नहीं करती हैं।
 
राजस्थान किया जा सकता है ट्रांसफर : शीर्ष अदालत ने सुझाव दिया कि कुछ चीतों को राजस्थान विशेषकर जवाई राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया जा सकता है। यह उद्यान तेंदुओं के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
 
सितंबर 2022 और फरवरी 2023 में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से दो बार में 20 चीतों को भारत लाया गया था। इस साल मार्च से अब तक कूनो राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न कारणों से तीन शावकों सहित आठ चीतों की मौत हो चुकी है।
 
शीर्ष अदालत के समक्ष केंद्र सरकार का पक्ष रख रहीं ऐश्वर्या भाटी ने चीतों के लिए सभी अपेक्षित कदम उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जब राजस्थान में इसी तरह की परियोजनाएं लागू की गईं तो बाड़ों के भीतर बाघों की मौतें हुईं। उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम स्तर पर अधिकारियों ने इन चीजों की मौतों का संज्ञान लिया है।
 
उन्होंने यह भी कहा कि मौतें चिंताजनक नहीं हैं, क्योंकि परियोजना के पहले वर्ष के भीतर 50 फ़ीसदी तक मौतों की आशंका थी। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त को करेगी। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma
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