kolkata woman doctor case : पश्चिम बंगाल के लगभग सभी अस्पतालों के चिकित्सक स्थानीय आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में शनिवार को शामिल हुए, जिससे पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित रहीं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष से दूसरे दौर की पूछताछ की।
घटना के विरोध में कई जूनियर डॉक्टर ने आठ दिन पहले हड़ताल शुरू की थी और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में वरिष्ठ चिकित्सक भी शामिल हो गए, जिससे सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों के बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) में सेवाएं प्रभावित हुईं।
इस बीच, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष से दूसरे दौर की पूछताछ की। पूछताछ शुक्रवार शाम को शुरू हुई थी और आधी रात के बाद तक जारी रही थी। परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक का शव नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था। पुलिस ने इस सिलसिले में अगले दिन एक आरोपी को गिरफ्तार किया था।
एजेंसी अस्पताल के पूर्व प्राचार्य को पूछताछ के लिए शुक्रवार को अपने साथ ले गई थी और उनसे देर रात एक बजकर 40 मिनट तक पूछताछ की गई थी। सूत्रों ने बताया कि घोष से पहले चिकित्सक की मौत को लेकर अस्पताल की प्रतिक्रिया के बारे में पूछताछ की गई।
सूत्रों ने बताया कि उन्हें शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे से कुछ पहले साल्ट लेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई कार्यालय में कुछ कागजात और फाइल लेकर फिर से प्रवेश करते देखा गया था और अंतिम सूचना मिलने तक वह परिसर से बाहर नहीं निकले थे।
आरजी कर अस्पताल में जांचकर्ताओं ने नमूने एकत्र किए : केंद्रीय जांच एजेंसी के अलग-अलग दल अपराध स्थल आरजी कर अस्पताल और साल्ट लेक स्थित कोलकाता पुलिस सशस्त्र बल की चौथी बटालियन के बैरक में भी पहुंचीं, जहां गिरफ्तार मुख्य आरोपी संजय रॉय रह रहा था। एक अधिकारी ने बताया कि आरजी कर अस्पताल में जांचकर्ताओं ने नमूने एकत्र किए और उन्हें परीक्षण के लिए केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिया।
उन्होंने कहा, उन्होंने वहां रह रहे पुलिसकर्मियों से बात की और आरोपी की शुक्रवार सुबह की गतिविधियों के बारे में पूछताछ की। उन्होंने यह जानकारी ली कि रॉय बैरक में कब लौटा और वहां पहुंचने के बाद उसने क्या किया। अधिकारी ने बताया कि बाद में वही टीम दक्षिण कोलकाता में शंभुनाथ पंडित स्ट्रीट, रॉय के किराए के आवास पर पहुंची और उसकी मां से उसके हाल के ठिकाने के बारे में बात की तथा उसका लिखित बयान दर्ज किया।
पूर्व प्राचार्य घोष से किए सवाल : उन्होंने कहा कि पूछताछ के पहले दौर में पूर्व प्राचार्य घोष से महिला चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया। उनसे सवाल किए गए कि उन्होंने परिवार को सूचित करने का निर्देश किसे दिया था तथा कैसे और किसने पुलिस से संपर्क किया था।
अधिकारी के मुताबिक, घोष से साप्ताहिक रोस्टर के बारे में भी पूछा गया, जिसके अनुसार पीड़िता की 36 घंटे या कभी-कभी 48 घंटे तक की ड्यूटी लगाई गई थी। अधिकारी ने कहा, कुछ जवाब घुमा-फिराकर दिए गए थे। उन्होंने बताया कि घोष से शुक्रवार देर रात तक पूछताछ की गई थी और फिर उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी गई।
43 चिकित्सकों और 190 महिला स्वास्थ्य सहायकों के स्थानांतरण आदेश रद्द : शाम को हुए एक घटनाक्रम में ममता बनर्जी सरकार ने आंदोलनकारी चिकित्सकों के एक वर्ग द्वारा दर्ज कराए गए विरोध के मद्देनजर 16 अगस्त को राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी 43 चिकित्सकों और 190 महिला स्वास्थ्य सहायकों के स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया है।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम ने कहा, स्थानांतरण आदेश कुछ समय पहले जारी किया गया था। हमने इसे आज रद्द कर दिया, क्योंकि अगर तबादलों संबंधी आदेश लागू हो जाता, तो इससे मौजूदा स्थिति में डॉक्टरों द्वारा मरीजों को दी जा रही सेवाओं में और बाधा आती। यहां कोई विवाद नहीं है।
इस बीच 15 अगस्त की सुबह आरजी कर अस्पताल में बड़े पैमाने पर हुई तोड़फोड़ की घटना की जांच कर रही कोलकाता पुलिस ने पुष्टि की है कि हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार लोगों की संख्या फिलहाल 30 है। ऐसा बताया जा रहा है कि पुलिस ने कई वामपंथी नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया है, जिनमें डीवाईएफआई की बंगाल सचिव मीनाक्षी मुखर्जी भी शामिल हैं। मुखर्जी ने कहा, हम पुलिस से मिलेंगे, लेकिन इससे पहले हमें अपने वकीलों से सलाह लेनी होगी।
प्रदर्शन में शामिल एक चिकित्सक ने कहा, हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। मांगें पूरी करवाने का यही एकमात्र तरीका है। पुलिस की मौजूदगी में लोग अस्पताल के अंदर कैसे घुस सकते हैं और हम पर हमला कर सकते हैं? हम तोड़फोड़ के असली मकसद को समझते हैं।
आईएमए के आह्वान पर नियमित ओपीडी सेवाएं बंद : प्रदर्शन के कारण सरकारी एसएसकेएम अस्पताल, शंभूनाथ पंडित अस्पताल और कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में गैर-आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गईं। राज्य में निजी स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में भी कमोबेश यही हालात रहे। मणिपाल हॉस्पिटल्स ने कहा कि आईएमए के आह्वान पर नियमित ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। मणिपाल हॉस्पिटल्स के एक अधिकारी ने कहा, सभी आपातकालीन और आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी...।
आईएलएस हॉस्पिटल्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देबाशीष धर ने कहा, आईएमए की हड़ताल के साथ एकजुटता दिखाते हुए हमने आज अपनी सभी इकाइयों में ओपीडी सेवाएं और वैकल्पिक सर्जरी स्थगित कर दी हैं। आईएलएस हॉस्पिटल्स इस मुद्दे का पूरा समर्थन करता है। नियमित सेवाएं स्थगित रहने के बावजूद हमारी आपातकालीन सेवाएं हमेशा की तरह संचालित रहेंगी।
महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या में शामिल लोगों को कड़ी सजा देने की मांग को लेकर और पश्चिम बंगाल को अस्थिर करने के लिए वामपंथियों और भाजपा द्वारा रची गई साजिश के विरोध में राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में रैलियां निकालीं।
तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने हुगली के श्रीरामपुर, उत्तर 24 परगना के नैहट्टी और बेलघरिया, हुगली के चिनसुरा और पुरुलिया समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में रैलियां निकालीं। महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद हत्या के मुद्दे पर वाम मोर्चा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में राज्य सरकार की कथित विफलता के विरोध में एक रैली निकाली।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग : वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने आरोप लगाया कि महिला चिकित्सक के लिए न्याय की मांग वाले जन आंदोलन से ध्यान हटाने के लिए अस्पताल में तोड़फोड़ के पीछे टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) के संरक्षित गुंडे थे। बोस ने रासबिहारी चौराहे से ललित कला अकादमी तक रैली की अगुवाई की। उन्होंने कहा, हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हैं। ममता बनर्जी के पास गृह और स्वास्थ्य विभाग भी है।
इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शनिवार को कई उपायों की घोषणा की। सरकार ने विशेष रूप से सरकारी अस्पतालों के लिए सुरक्षा उपायों की घोषणा की, जहां उन्हें रात्रि पाली में भी काम करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलपन बंद्योपाध्याय ने यहां इन उपायों की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के अलावा, छात्रावास एवं अन्य स्थान, जहां रात्रि पाली में महिलाएं काम करती हैं, वे अब प्रमुख कार्यक्रम रात्रेर साथी के दायरे में आएंगे। राज्य सरकार ने अलार्म उपकरण के साथ एक मोबाइल ऐप विकसित करने का भी निर्णय लिया है, जिसे महिलाएं डाउनलोड कर सकेंगी और किसी भी आपात स्थिति में संबंधित स्थानीय पुलिस थानों के साथ संचार के लिए इसका उपयोग कर सकेंगी।
बंद्योपाध्याय ने कहा कि इसके अलावा, राज्य और निजी प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारियों को रात में दो सदस्यीय महिला टीम बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि वे एक-दूसरे को अपनी गतिविधियों के बारे में जानकारी दे सकें। उन्होंने कहा, हमने कार्यस्थलों पर पुरुष और महिला सुरक्षा कर्मचारियों का सही अनुपात बनाए रखने की भी सिफारिश की है।
उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों और महिला छात्रावासों में रात्रि पुलिस गश्त भी की जाएगी। उन्होंने कहा, जहां तक संभव हो, महिलाओं के लिए रात्रि ड्यूटी टाली जानी चाहिए। हमें उम्मीद है कि ये उपाय जल्द से जल्द लागू किए जाएंगे।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour