केजरीवाल की भरोसेमंद आतिशी मार्लेना होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, जानेंं क्यों पार्टी ने लगाया दांव?
आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। आज आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अतिशी मार्लेना के नाम का प्रस्ताव रखा और उन्हें सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया।
आतिशी मार्लेना को अरविंद केजरीवाल के साथ ही मनीष सिसोदिया का भी भरोसेमंद माना जाता रहा है। यहीं कारण है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद आतिशी मार्लेना को सबसे पॉवर फुल मंत्री बनाया गया। जब आप के दोनों बड़े नेता केजरीवाल और मनीष सिसौदिया जेल में थे तब आम आदमी पार्टी के भीतर आतिशी का कद काफी तेजी से ऊपर चढ़ा है। अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल 8 मार्च को अपनी कैबिनेट में फेरबदल किया था और आतिशी को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी।
नीतिगत सुधारों और सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहने वाली आतिशी मार्लेना केजरीवाल के जेल जाने के बाद आम आदमी पार्टी का मुख्य चेहरा बनकर उभरी हैं। दिल्ली सरकार को चलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरकार में शिक्षा, वित्त, योजना, पीडब्ल्यूडी, बिजली, पानी और पब्लिक रिलेशंस जैसे 14 विभागों की जिम्मेदारी आतिशी के पास है। दिल्ली सरकार में सबसे ताकतवर मंत्री होने के साथ-साथ उनका महिला होना भी उनके पक्ष में जाता है।
आतिशी आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्य है। पार्टी की स्थापना के समय से ही अतिशि की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। आप ने 2013 में पहली बार दिल्ली का विधानसभा चुनाव लड़ा था और उस समय आतिशी पार्टी की घोषणा पत्र मसौदा समिति की प्रमुख सदस्य थीं।
अतिशी का जीवन परिचय- दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय सिंह और तृप्त वाही के घर 8 जून 1981 को आतिशी का जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल से पूरी की है। अपनी पढ़ाई के दिनों में आतिशी काफी होनहार छात्रा थीं और उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज मैं इतिहास का अध्ययन किया। सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक करने के बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चली गईं।
शेवनिंग स्कॉलरशिप मिलने पर उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से मास्टर्स की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से ही शैक्षिक अनुसंधान में अपनी दूसरी मास्टर्स उपाधि हासिल की। आतिशी जैविक खेती और प्रगतिशील शिक्षा प्रणालियों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल बिताए। गैर लाभकारी संगठनों के साथ काम करने के दौरान उनकी मुलाकात कुछ ऐसे सदस्यों से हुई जो आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए थे।