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मोदी सरकार लाई Unified pension scheme, OPS और NPS से कितनी है अलग?

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unified pension scheme : सरकार कर्मचारी लंबे समय से न्यू पेंशन स्कीर (NPS) को हटाकर पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) वापस लाने की मांग कर रहे थे लेकिन मोदी सरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लांच कर दी। यह पेंशन स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएगी। इससे सीधे तौर पर केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। जानिए क्या है क्या है OPS, NPS और UPS में अंतर? ALSO READ: क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम, क्या है फायदा, क्यों हो रहा है विरोध?
 
ओपीएस में कर्मचारियों को योगदान नहीं देना होता था। एनपीएस में कर्मचारियों को 10 प्रतिशत योगदान देना होता है। यूपीएस में भी एनपीएस की तर्ज पर ही कर्मचारियों को 10 प्रतिशत योगदान देना होगा।
 
यूपीएस के लिए कर्मचारियों को कोई भी अतिरिक्त योगदान नहीं देना होगा, जबकि केंद्र सरकार की तरफ से पेंशन फंड में योगदान मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया गया है। यह साल दर साल महंगाई दर आदि के कारण बढ़ता रहेगा। इससे केंद्र पर वर्ष 2025-26 के दौरान ही 6,250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
 

ओपीएस में फिक्स पेंशन मिलती थी, एनपीएस में फिक्स पेंशन नहीं मिलती थी। यूपीएस में एनपीएस की तरह फिक्स पेंशन मिलेगी। न्यूनतम 10 साल की नौकरी पर कम से कम 10 हजार रुपए की पेंशन मिलेगी। ALSO READ: OPS की जगह केन्द्र सरकार लाई UPS, जानिए सरकारी कर्मचारियों को कितनी मिलेगी पेंशन
 
सरकार का मानना कि अभी कार्यरत 99 प्रतिशत से ज्यादा केंद्रीय कर्मियों के लिए एनपीएस से ज्यादा यूपीएस आर्थिक तौर पर फायदेमंद होगा। एनपीएस वर्ष 2004 से लागू है और तब से अभी तक जितने सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, उनको यूपीएस के तहत पेंशन सुविधा लेने का विकल्प मिलेगा। अगर कर्मचारी ऐसा करते हैं तो उन्हें जो अतिरिक्त राशि व उसका ब्याज बनेगा, उसका भुगतान केंद्र से होगा।
 
Edited by : Nrapendra Gupta 
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