क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम, क्या है फायदा, क्यों हो रहा है विरोध?
Unified pension scheme : सरकारी कर्मचारियों की काफी समय से लंबित मांगों को पूरा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी दी गई, जिसमें सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान किया गया है। इससे एक जनवरी 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वाले 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा।
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यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है? : यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन स्कीम है। इसके के तहत, केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन मिलेगी। UPS 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। अब तक केंद्रीय कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम (NPS) का प्रावधान था, लेकिन इसमें फिक्स पेंशन नहीं मिलती थी। साथ ही अपनी सैलरी से इसमें योगदान देना पड़ता है।
योजना से क्या फायदा : सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि न्यूनतम 10 साल तक की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक रूप से पेंशन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की गारंटी भी देती है। इस वैकल्पिक योजना से केन्द्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। यदि राज्य सरकारें इस योजना में शामिल होना चाहें तो कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 90 लाख हो जाएगी।
मृतक कर्मचारी के जीवनसाथी को एक सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, सुनिश्चित पेंशन, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर मुद्रास्फीति सूचकांक भी होगा। कार्यरत कर्मचारियों की तरह औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर महंगाई राहत दी जाएगी। कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त रकम के पात्र होंगे।
OPS, NPS और UPS में अंतर : ओपीएस में कर्मचारियों को योगदान नहीं देना होता था। एनपीएस में कर्मचारियों को 10 प्रतिशत योगदान देना होता है। यूपीएस में भी एनपीएस की तर्ज पर ही कर्मचारियों को 10 प्रतिशत योगदान देना होगा। ओपीएस में फिक्स पेंशन मिलती थी। एनपीएस में फिक्स पेंशन नहीं मिलती थी। यूपीएस में एनपीएस की तरह फिक्स पेंशन मिलेगी।
क्यों खुश हैं कर्मचारी : सरकारी कर्मचारियों के संगठनों के संयुक्त मंच ज्वाइंट कंसलटेटिव मशीनरी (जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2004 के बाद सेवा में शामिल हुए कर्मचारियों के लिए सुनिश्चित पेंशन योजना के बारे में बात की। अब तक उनकी पेंशन शेयर बाजार और बाजार की अटकलों पर निर्भर थी। मिश्रा ने कहा कि अब से कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर उनके आखिरी वेतन का आधा हिस्सा मिलेगा, साथ ही डीए का लाभ भी मिलेगा।
क्यों हो रहा है विरोध : ओल्ड पेंशन स्कीम बंद (OPS) होने के बाद से लागू न्यू पेंशन स्कीम (NPS) से कर्मचारी खुश नहीं थे और लंबे समय से इसका विरोध कर रहे थे। सरकार ने जब UPS लेकर आई है तो भी कई कर्मचारी इसका भी विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों की मांग थी कि उसे रिटायरमेंट पर 50 प्रतिशत बेसिक सेलरी और डीए अलाउंस के बराबर पेंशन मिले, न कि कंट्रीब्यूशन को घटाया या बढ़ाया जाए। हमारा पैसा, रिटायरमेंट पर बिल्कुल जीपीएफ की तरह ही हमें वापस कर दिया जाए। सरकार, नई व्यवस्था में सारा पैसा ले लेगी।
लंबे समय तक पुरानी पेंशन बहाली के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाने वाले 'नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत' के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने कहा कि सरकार ने यूपीएस लाकर कर्मचारियों के साथ छल किया है।
Edited by : Nrapendra Gupta