सावधान! आंखों का उपचार कर रहे हैं कई फर्जी डिग्रीधारी, हाईकोर्ट चिंतित
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने देशभर में आंखों का उपचार कर रहे कई लोगों के पास इस उपचार से जुड़ी कथित फर्जी डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र होने का आरोप लगाने वाले एक एनजीओ की याचिका पर चिंता जाहिर की है और इस याचिका पर केंद्र से अपना रूख स्पष्ट करने के लिए कहा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि जनहित याचिक में उठाया गया मुद्दा लोक महत्व का है।
इंडियन ओप्टोमीट्री नामक एनजीओ ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि आंखों के उपचार क्षेत्र में अनैतिक लोग खुद को उपचार करने के योग्य दिखाने के लिए फर्जी डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ऐसा दावा किया गया है कि इस तरह की गतिविधियां ‘‘जनता के स्वास्थ्य को भारी खतरे में डालती हैं। याचिका में अनुरोध किया गया है कि अदालत केंद्र और संबंधित अधिकारियों को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दे।
अदालत ने केंद्र को 24 अक्तूबर को होने वाली अगली सुनवाई से पहले स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश देते हुए कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि रिट याचिका में उठाए गए मुद्दे लोक महत्व के हैं। नोटिस जारी किया जाए। (भाषा)