5 मांगों पर किसानों के साथ सरकार की सहमति, आंदोलन हुआ स्थगित
नई दिल्ली। भारतीय किसान संगठन ने कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत में 5 मांगों पर सहमति बनने के बाद आज अपना आंदोलन स्थगित कर दिया। यूपी गेट से किसानों के 11 प्रतिनिधियों को कृषि मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत के लिए लाया गया जिसमें 5 मांगों पर सहमति बनी।
भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरण सिंह के अनुसार सरकार उनकी मांगें नहीं मानती हैं तब फिर वे आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और 10 दिन बाद वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर अपनी मांगों को रखेंगे।
यूपी गेट से किसानों के 11 प्रतिनिधियों को कृषि मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत के लिए लाया गया जिसमें 5 मांगों पर सहमति बनी।
ये हैं मांगें : किसानों की प्रमुख मांगों में कर्ज माफी, सस्ती दर पर बिजली की उपलब्धता, बकाए गन्ने मूल्य का ब्याज सहित भुगतान, गोवंश देखभाल भत्ता बढ़ाना, किसान पेंशन शुरू करने, किसान और मजदूरों की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा मुफ्त करने, किसान दुर्घटना बीमा लागू करने तथा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करना शामिल हैं।
पश्चिमी उत्तरप्रदेश से कई दिनों की यात्रा कर ये किसान यूपीगेट पहुंचे थे और दिल्ली आना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया था।
प्रियंका ने साधा निशाना : कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को सरकार पर आरोप लगाया कि किसानों को बोलने नहीं दिया जा रहा है।
वाड्रा ने किसानों के समर्थन में एक ट्वीट करते हुए कहा कि क्या कारण है कि किसानों को दिल्ली आकर अपनी मांग उठाने से रोक दिया जाता है? भाजपा सरकार अपने प्रचार में तो किसानों की भलाई बताती फिरती है?
फिर जब उप्र का किसान कहता है कि उन्हें गन्ने का बकाया चाहिए, कर्जमाफी और बिजली के दाम में कटौती चाहिए तो उन्हें बोलने क्यों नहीं दिया जाता?
फोटो सौजन्य : टि्वटर